Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या कोरी समाज की उपेक्षा करते रहे राजनीतिक दल – लल्लन

कोरी समाज की उपेक्षा करते रहे राजनीतिक दल – लल्लन

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मिल्कीपुर,अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर कोरी समाज संगठन की एक महत्वपूर्ण बैठक आज़ाद हिन्द इंटर कॉलेज पलिया चौराहा हैरिंगटनगंज मिल्कीपुर में आयोजित की गई। बैठक में उपचुनाव में कोरी समाज के मतों को कम दिखाकर टिकट न देने की साजिश होने की बात कही। कोरी समाज संगठन के अनुसार मिल्कीपुर विधानसभा में कोरी समाज के मतदाताओं संख्या निर्णायक है। जिसके चलते कोरी समाज आगामी विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रतिनिधित्व चाहता है। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक हुबराज कोरी शामिल हुए। बैठक में कोरी समाज को एकजुट करने, संगठन को मजबूत करने के अलावा मिल्कीपुर उपचुनाव के दृष्टिगत समाज का नजरिया विषयक पर भी मैराथन चर्चा की गई। मौजूदा परिदृश्य में उपचुनाव के जिसमें यदि किसी बड़ी पार्टी से कोरी बिरादरी को टिकट मिला तो उसकी जीत पक्की है। बैठक में स्थानीय पदाधिकारियों के अलावा जिले व प्रदेश स्तर पर पार्टी के बड़े नेताओं ने शिरकत किया। बैठक में विभिन्न वक्ताओं ने कोरी समाज की उन्नति, विकास और राजनीतिक भागीदारी पर विस्तार से चर्चा किया। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख लल्लन कोरी ने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों द्वारा अभी तक कोरी समाज की उपेक्षा की गई है। उन्हें राजनीतिक भागीदारी का मौका नहीं मिला है। नंदलाल कोरी ने कहा कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में साजिश के साथ कोरी बिरादरी के मतदाताओं की संख्या कम बताई जाती है। जिसके चलते उन्हें राजनीतिक भागीदारी से वंचित किया जाता है। बैठक का संचालन मिल्कीपुर के पूर्व जिला पंचायत सदस्य भोलानाथ भारती तथा अध्यक्षता छंगना देवी कोरी ने किया। बैठक में प्रमुख रूप से प्रदीप कोरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रवींद्र भारती,मुकुल आनंद कोरी, पूर्व प्रधान नागेश्वरनाथ कोरी, ब्रह्मादीन कोरी,रोशनलाल कोरी,अमरनाथ कोरी,अर्जुन भारती,जामवंत कोरी,प्रधान विजय रंजन कोरी, प्रधान राम भारत कोरी, पूर्व प्रधान कर्मराज कोरी,रंजीत कोरी,राधेश्याम त्यागी,अंकित कोरी,दशरथ लाल,पवन कोरी,लवकुश कोरी,अंकुर कोरी, पूर्व प्रधान शिवनारायन कोरी,सपा नेता सुनाता कोरी, सुनील कोरी,सुभाष कोरी सहित बड़ी संख्या में कोरी समाज के लोग मौजूद रहे।

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