अयोध्या । मण्डलायुक्त गौरव दयाल व जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य रिकार्ड समय में पूर्ण कर लिया गया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से लाइसेंस भी मिल गया है।
उन्होंने बताया कि इससे अयोध्या धाम को अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने व यहां आने वाले श्रद्वालुओं को आवागमन की विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधा प्राप्त हो सकेगी अब अयोध्या धाम में श्रद्वालु सीधे हवाई मार्ग से आ जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि पूर्व में नागरिक उड्डयन विभाग के नाम केवल 182.171 एकड़ भूमि ही दर्ज थी। विस्तारीकरण हेतु 639.1684 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता थी। अगल बगल की आबादी को नियमानुसार उन्हें अन्य स्थानों पर पुर्नवासित करते हुये एयरपोर्ट हेतु अपेक्षित कुल 821 एकड़ भूमि के अर्जन का कार्य रिकार्ड समय में पूर्ण कर लिया गया। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से पांच ग्राम -जनौरा, गंजा, धरमपुर सहादत, कुशमाहा व त्रिभुवननगर कालोनी से भूमि अर्जन का कार्य किया गया। जिनकी कुल परिसम्पत्तियां प्रभावित हुई। सभी को सहमति के आधार पर क्रय करके पुर्नव्यवस्थापित करते हुये ही मकानों को हटाया गया है।
उन्होंने बताया कि 821 एकड़ में विकसित हो रहे मर्यादा पुरूषोत्तम अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का सम्पूर्ण कार्य तीन फेजों में किया जाना है। फेज-1 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। फेज-1 के तहत 2200 मी0 लम्बे व 45 मी0 चौड़े रन का शत प्रतिशत कार्य पूर्ण है, जिसे दूसरे व तीसरे चरण में बढ़ाकर 3750 मी0 किया जायेगा।
फेज-1 के तहत 6600 वर्ग मी0 क्षेत्रफल में टर्मिनल विल्डिंग का कार्य पूर्ण है। फेज दो में 50 हजार वर्ग मी0 क्षेत्रफल पर और टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जायेगा। फेज वन में 08 एयरक्राफ्टों के पार्किंग का कार्य पूर्ण है। अगले चरणों में 26 और एयरक्राफ्टों की सुविधा का कार्य किया जायेगा। एयरपोर्ट तक पहुंचने हेतु राजमार्ग संख्या 330 (अयोध्या-सुल्तानपुर) से 4 लेन से जोड़ा जा चुका है। फेज वन में ही विमानों के नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध है।