मिल्कीपुर, अयोध्या। एसडीएम मिल्कीपुर एवं उनके पेशकार की कार्यशैली से नाराज अधिवक्ताओं के आक्रोश ने अब आंदोलन का रूप ले लिया है। आंदोलन केे दूसरे दिन मिल्कीपुर तहसील में पूूरी तरह से कामकाज ठप रहा। नाराज एवं आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तहसील की स्टांप वेंडरों, टाइपराइटरों तथा वादकारियों के साथ तहसील परिसर में बैठक कर आंदोलन को धार दी और एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की।
बता दें कि बीते शुक्रवार को मिल्कीपुर के अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन कुमार शुक्ला के नेतृत्व में एसडीएम अमित कुमार जायसवाल एवं उनकेे पेशकार की कार्यशैली से नाराज होकर विरोध जुलूस निकाला था तथा तहसील प्रशासन सहित एसडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। अधिवक्ताओं का आरोप है कि तहसील परिसर स्थित एसडीएम न्यायालय की पत्रावलियां एसडीएम क आवास पर रखी जाती है जहां दलालों का पूरी तरह से वर्चस्व कायम है। अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक पत्रावली मांगे जाने पत्रावली तक नहीं दिखाई जाती। नाराज अधिवक्ताओं ने एसडीएम अमित कुमार जायसवाल एवं उनकेे पेशकार के तहसील से स्थानांतरण होने तक कामकाज ठप कर कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। दूसरे दिन दर्जनों की संख्या में अधिवक्ताओं ने तहसील भवन के सामने बैठक कर विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के अध्यक्ष पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि जब तकएसडीएम एवं उनके पेशकार का मिल्कीपुर तहसील से स्थानांतरण नहीं हो जाता, तहसील में सारा कामकाज पूरी तरह से ठप रहेगा। उन्होंने कहा कि आगामी सोमवार से आंदोलन को और तेज करते हुए अग्रिम रणनीति तय की जाएगी। मौके पर संगठन के पूर्व अध्यक्ष खुशीराम पांडे, अशोक कुमार श्रीवास्तव, शंभू नाथ तिवारी, शिवपूजन पांडे, अरुणेश त्रिपाठी, गंगा दुबे, अमरजीत सिंह, बृजेश पांडे, दिनेश उपाध्याय, स्वामीनाथ उपाध्याय, प्रहलाद तिवारी, राशिद हुसैन, अंसार अहमद, किशोर कुमार तिवारी, अखिलेश त्रिपाठी, दयानंद पांडे, राजेंद्र चौरसिया, संदीप शुक्ला, अभय शंकर द्विवेदी, सुनील शुक्ला, बृजेश मिश्रा, शशि भूषण मिश्रा, लल्लू प्रसाद तिवारी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता, वादकारी एवं स्टांप विक्रेता मौजूद रहे।