अयोध्या। डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि लगातार गिरता तापमान तथा कोहरे व धुन्ध भरे मौसम में बढ़ रहे जाड़े की तीव्रता का असर शीत- ऋतु भावनात्मक विकार या सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर या एसएडी के लिये अनुकूल स्थिति होती है। इस विकार को विंटर-डिप्रेशन भी कहा जाता है। इसमें उदासी, निराशा, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा या अतिनिद्रा, अनमनापन, मूड स्विंग, थकान, भूख में बदलाव, नशाखोरी, आत्मघाती या परघाती व्यवहार जैसे लक्षण दिख सकते है।
