◆ बाहर से दिखेगा खपरैला, अंदर होंगे जबरदस्त इंतजाम
◆ गांव के चार से छह घरों को होम स्टे की तरह किया जाएगा प्रमोट
अयोध्या। अयोध्या शहर घूम चुके लोग अब यहां के गांवों का भी लुत्फ उठा सकेंगे। इसके लिए गांवों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। पर्यटक चूल्हे की रोटी से लेकर विभिन्न सब्जियों व मटके में बनी दाल का न सिर्फ आंनद ले सकेंगे बल्कि वहां ठहर भी सकेंगे। बाहर से गांव जैसा व अंदर का नजारा वेस्टर्न रहेगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण जल्द ही इस योजना पर काम शुरू करने जा रहा है।
भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। अकेले शहर में राम मंदिर के अलावा कई ऐसे प्राचीन मठ-मंदिर व पौराणिक स्थल हैं। यहां पहुंचने के बाद चार दिन तो शहर में ही घूमने-टहलने व दर्शन पूजन में निकल जाते हैं। ऐसे में वे जिले के अन्य धार्मिक स्थलों पर नहीं पहुंच पाते हैं। इसे देखते हुए अब एक नई योजना को अयोध्या जिले में उतारी जाएगी।
राम मंदिर निर्माण के साथ ही शासन-प्रशासन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान लगा लिया था। इस दौरान होम स्टे की योजना शुरू की गई थी, जिसके बाद नगर में लगभग 1100 लोग इस योजना से जुड़े और अपने घर को पेइंग गेस्ट हाउस बना लिया।
अयोध्या विकास प्राधिकरण होम स्टे पेइंग गेस्ट योजना का दूसरा चरण शुरू करने जा रहा है। इसके तहत अयोध्या जिले के ऐसे धार्मिक स्थल जो मुख्यालय से दूर किसी तहसील में पड़ते हैं। उनके पास के छोटे गांव को डेवलप किया जाएगा। जैसे भरतकुंड, मखौड़ा धाम व स्वामी नारायणमंदिर जैसे धाम के आस-पास के गांव को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण में होम स्टे पेइंग गेस्ट योजना के नोडल अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि गांव के सात से आठ घरों को ऐसा डवलप किया जाएगा कि बाहर से पूरी गांव वाली फीलिंग आएगी, लेकिन अंदर वेस्टर्न सुविधा रहेगी। वेस्टर्न टॉयलेट, एलईडी, बेड आदि की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने बताया कि होम स्टे में रुकने वाले को लोग अपने घरों के व्यंजन खिला सकेंगे। इससे हमारे यहां का मोटे आनाज को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों की आमदनी भी हो सकेगी।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसे देखते हुए योजना को विस्तार दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ गांवों में पर्यटन बढ़ेगा बल्कि ग्रामीणों की आमदनी में भी इजाफा होगा।