अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई गई। अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग मे रविवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ में श्रद्धांजलि सभा एवं पं0 दीनदयालः जीवन एवं दर्शन विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुरूवात पंडित जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कला एवं मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. आशुतोष सिन्हा ने पंडित दीनदयाल जी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए बताया कि उन्होंने जीवन पर्यन्त संघर्ष किया, कभी भी मूल्यों से समझौता नहीं किया और उन्होने नैतिकता का मार्ग नहीं छोड़ा और सदैव राष्ट्रहित मे अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
कार्यक्रम में प्रो0 सिन्हा ने बताया कि पं0 दीनदयाल ने हमे ‘एकात्म मानवदर्शन’ के रूप मे ऐसा सिद्धांत दिया जिसमें एकात्म मानव के उत्थान से समाज के समग्र विकास की परिकल्पना निहित थी। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा सिद्धांत था जिस पर चलकर समस्त प्रकार की समस्याएं चाहे वे राजनैतिक हो, चाहे आर्थिक या सामाजिक का स्वतः निराकरण हो जाता है। प्रो0 सिन्हा ने बताया कि किसी भी समाज एवं राष्ट्र को तब तक विकसित नहीं माना जा सकता जब तक अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का समग्र विकास नहीं होगा। अंत्योदय से ही सही मायनों मे राष्ट्र का उदय होगा और यही पंडित जी का सपना था। कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि दीनदयाल जी के सपनों को साकार करना देशवासियों का परम कर्तव्य है और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग की शिक्षिका डॉ. अलका श्रीवास्तव ने पं0 दीनदयाल के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण बातों की विस्तार में चर्चा की। शोधार्थी अनिल कुमार ने दीनदयाल के छात्र जीवन से संबंधित बातों को विस्तार से बताया और उससे सीख लेने की बात कहीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अलका श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर कुशाग्र पाण्डेय एवं हीरा लाल सहित अन्य उपस्थित रहे।