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मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने राममंदिर में छत टपकने के दावे को किया खारिज

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◆ प्रधान पुजारी सत्येन्द्र दास ने गर्भगृह में पानी भर जाने की कही थी बात


अयोध्या। रामलला के प्रधान पुजारी के गर्भ गृह में पानी निकासी और मंदिर परिसर में पानी टपकने को लेकर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के दावे को सिरे से खारिज किया। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि निर्माण के कारण मंदिर परिसर में पानी आने की कोई भी संभावना नही है। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में पानी लीकेज की कोई भी समस्या नही है। स्वयं निरीक्षण किया था। निर्माणाधीन मंडप की छत द्वितीय मंजिल पर जाकर पूरी होगी। द्वितीय तल पर गुण मंडप की छत पडने के बाद ही बारिश का पानी का मंदिर में प्रवेश रुकेगा। श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए गुड़ मंडप की छत पर अस्थाई निर्माण किया गया है। लोगों ने भ्रम पैदा किया है, बिजली की अंडरग्राउंड वायरिंग में तार डालना है। जिसके लिए पाइप खुला है। पाइप के जरिए नीचे सीवेज में पानी आया। निर्माण में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं है। राम मंदिर में उच्चतम स्तर का निर्माण कार्य हो रहा है। सीबीआरआई से समय-समय पर निर्माण कार्य की जांच कराई जाती है। सीबीआरआई रुड़की के वरिष्ठ अभियंता हर माह में दो बार निर्माण कार्य को देखकर संतुष्ट होकर प्रमाण पत्र देते है।

गर्भ ग्रह में जल निकासी की समस्या को लेकर नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि गर्भ ग्रह में भगवान के स्नान और श्रृंगार में ही जल का इस्तेमाल होता है। साधु संतों की राय पर भगवान के स्नान और श्रृंगार के जल को एक कुंड में एकत्रित किया जाता है। श्रद्धालुओं को स्नान का जल उनकी मांग के अनुरूप उपलब्ध कराया जाता है। सभी मंडपों में पानी के निकासी के लिए परनाला बनाया गया है। मंदिर के फर्श को इस तरीके से किया गया है ताकि पानी अपने आप बाहर निकल सके। नागर शैली में मंदिर सभी तरफ से नहीं किया जाता है। मंदिर में मंडप के दाएं और बाएं तरफ का पोर्शन खुला हुआ है। संभव है की तेज बारिश में मंडप में पानी का छीटा आ गया हो।

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