अयोध्या। भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय आपातकाल को लेकर सहादतगंज स्थित भाजपा कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएलसी अवनीश पटेल ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान पुलिस की बर्बरता व तानाशाही को याद करने के बाद आज भी लोगो के मन में डर की झलक आ जाती है। लोकतंत्र को फिर से स्थापित करने व तानाशाही मानसिकता को हराने के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने वाले लोकतंत्र सेनानी हमारे आदर्श है।
जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला अध्याय है। कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र व विरोध में उठने वाले स्वर को सत्ता के बल पर रौंद दिया था। लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने यातनाओं को सहते हुए सरकार के आपातकाल लागू करने के निर्णय का विरोध किया। तानाशाही सरकार के खिलाफ विपरीत परिस्थितियों भी आवाज उठायी। उनके योगदान के फलस्वरुप लोकतांत्रिक मूल्यों की पुर्नस्थापना हुई।
जिला प्रभारी मिथिलेश त्रिपाठी ने कहा कि अहंकारी सत्ता पक्ष ने तत्समय लोकतंत्र की हत्या की थी। यह संघर्ष का वह दौर था जब अमानवीय यातनाओं के बाद भी विरोध के स्वर सत्ता के खिलाफ उठ रहे थे। इस संघर्ष में जीत अंत में जनता की हुई।
महानगर कमलेश श्रीवास्तव ने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार का तानाशाही रवैया आज भी लोगो के जेहन में है। लोकतंत्र सेनानियों ने तानाशाही सरकार के खिलाफ अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।
जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि आपातकाल में उठने हर आवाज को सरकार बर्बरता पूर्वक दबाने का प्रयास करती थी। जेलों में बंद होने के बाद भी लोकतंत्र सेनानियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी।
संगोष्ठी में जिला प्रभारी मिथिलेश त्रिपाठी, जिपंअ रोली सिंह, सहकारी बैंक के सभापति धर्मेंद्र प्रताप सिंह टिल्लू, पूर्व विधायक गोरखनाथ, पूर्व जिला अध्यक्ष कमला शंकर पांडे, अवधेश पांडे बादल, अभिषेक मिश्रा , राकेश मणि त्रिपाठी, राघवेंद्र पांडे सहित पदाधिकारी व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।