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राममंदिर के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले हुतात्माओं की आत्मा शांति के शुरु हुआ नवान्नह परायण

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◆ वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का किया जा रहा है पाठ


अयोध्या। श्री रामजन्मभूमि मंदिर की रक्षा व पुनः प्राप्ति के लिए बलिदानों कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का नवान्नह पारायण प्रारम्भ हुआ। मंदिर परिसर के आसपास नौ दिन चलने वाले इस आयोजन से परिवेश श्रद्धा की रश्मि से प्रकाशित नजर आया।



            राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले ट्रस्ट द्वारा कारसेवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस आयोजन को किया जा रहा है। विहिप की शौर्ययात्रा भी निकल रही है। शौर्य यात्रा के दौरान विश्राम स्थलों पर राममंदिर आन्दोलन से जुड़ी गाथाएं तथा कारसेवकों की कहानियां लोगो को बताई जा रही है। विश्राम स्थल पर होने वाली छोटी सभाओं के लिए वक्ताओं को जिम्मेदारियां भी दी गयी है।

            श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि हुतात्माओं की आत्मशांति के लिए 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक वाल्मीकि रामायण का पाठ रामनिवास मंदिर व रामचरितमानस का पाठ रामजन्मभूमि दर्शन मार्ग पर किया जा रहा है। मंगलवार को इसकी शुरुआत हुई।

विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का यह नवान्नह पारायण है। जो नौ दिन तक चलता है। इसमें 9 विद्धान वाल्मिकी रामायण का पाठ कर रहे है। वहीं करीब 51 विद्धानों के द्वारा रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है।

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