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नगर पंचायत के निर्माण कार्य रोकने के आदेश के बावजूद भी बेशकीमती भूमि पर जारी है निर्माण कार्य

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  • पैसे व दलालों के चंगुल में फसी पुलिस भी निर्माण कार्य रुकवाने में असफल

  • मामले का कवरेज करने पहुंचे पत्रकार की भी पुलिस के सामने छीन ली गई मोबाइल, झूठे मुकदमे में फंसाने की दी गई धमकी

अंबेडकरनगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में आबादी की विवादित बेशकीमती भूमि पर पुलिस व दलालों के सहयोग से रात दिन एक कर बेखौफ निर्माण कार्य जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामला न्यायालय व नगर पंचायत में भी विचाराधीन है।जिसमें स्थानीय नगर पंचायत ने निर्माण कार्य रोकने का आदेश भी दे रखा है। लेकिन नगर पंचायत और न्यायालय का  आदेश पैसे और दलालों के सामने पुलिस के लिए बौने साबित हो रहे है। वही दलालों व पैसे के आगे बसखारी पुलिस का स्तर इतना गिर गया है कि मामले की कवरेज करने पहुंचे एक पत्रकार को भी बसखारी पुलिस ने नहीं बख्शा और रिकॉर्डिंग कर रहे पत्रकार की मोबाइल को भी छीन लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार बसखारी थाना क्षेत्र में स्थित नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा के मलिकपुर वार्ड में गाटा संख्या 271 बेशकीमती आबादी की भूमि है। जिसे बसखारी निवासी पीड़ित शम्मी कुमार सोनी ने अपनी पुश्तैनी जमीन बताते हुए न्यायालय में कई वाद दायर किया है। जो न्यायालय में विचाराधीन बताया जाता है। बावजूद इसके आरोप है कि उक्त भूमि पर विपक्षी संगीता देवी पत्नी अतुल कुमार निवासी ग्राम फिरोजपुर थाना दोस्तपुर जनपद सुल्तानपुर,हरिप्रसाद पुत्र स्वर्गीय रामचेत,शुभम सोनी पुत्र हरिप्रसाद, रोहित सोनी व राहुल सोनी पुत्रगण स्वर्गीय आसाराम निवासी गण बसखारी बीते कई दिनों  से बेशकीमती भूमि पर कब्जा करने की नियत से दिन रात एक कर के दबंगई के बल पर निर्माण कार्य कर रहे हैं। वही पीड़ित ने निर्माण कार्य रोकने के लिए 112 पुलिस के साथ बसखारी पुलिस फरियाद किया। स्थानीय पुलिस में सुनवाई ना होने पर मामले को उप जिला अधिकारी सहित जनपद के कई उच्च अधिकारियों के साथ नगर पंचायत के अधिकारी को इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र पीड़ित के द्वारा दिया गया।  जिस पर नगर पंचायत ने तत्काल निर्माण कार्य रोकने का आदेश भी पारित किया। बावजूद इसके पुलिस निर्माण कार्य रोकने में आनाकानी करती रही।इसके बाद पीड़ित के द्वारा जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भी प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई। सभी अधिकारियों ने बसखारी पुलिस को मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने का आदेश पारित किया। लेकिन बताया जाता है कि पैसे और दलालों के चंगुल में फंसकर बसखारी पुलिस उप जिलाधिकारी व नगर पंचायत के आदेश को दरकिनारा कर रही है। जिससे निर्माण करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है।और वह जमीन पर कब्जा करने की नियत से दिन रात एक कर के निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। वही मामले की कवरेज करने पहुंचे एक पत्रकार को भी पुलिस पुलिस व कथित दलाल के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। वीडियो बना रहे पत्रकार की मोबाइल को भी पुलिस के सामने छीन लिया गया। पुलिस के द्वारा उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की भी धमकी दी गई।हालांकि मोबाइल छीनने की घटनाक्रम को लेकर पुलिस इंकार कर रही है। फिलहाल वे धड़ल्ले से बेखौफ होकर विवादित बेशकीमती भूमि पर किये जा रहे अवैध निर्माण कार्य में पुलिस की संलिप्तता चर्चा का विषय बनी हुई है।

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