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कई संगठनों ने किया बनवीरपुर में हुई घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग

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◆ प्रेसवार्ता के दौरान गांव के सुभाष सिंह को बताया पूरे प्रकरण का मुख्य साजिशकर्ता


◆ आरोप है कि घटना की सुबह सुभाष ने अर्पित को दिया था जान से मारने की धमकी, सूचना के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने हुई घटना


अयोध्या। बनवीरपुर में हुई घटना में नया मोड़ आ गया है। धर्मसेना, चाणक्य परिषद व अन्य समाजिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता के दौरान घटना से जुड़े कई नये तथ्य मीडिया के समक्ष रखे है। मामले का साजिशकर्ता बनबीरपुर गांव के एक व्यक्ति को बताया जा रहा है। इसके साथ में मृतक व आरोपी पक्षों में कभी कोई विवाद न होने का दावा भी किया जा रहा है। मामले में मजिस्ट्रेटी जांच कराने की मांग की गई है।
प्रेसवार्ता के दौरान धर्मसेना प्रमुख संतोष दूबे ने आरोप लगाया कि पूरी घटना पुलिस की लापरवाही का परिणाम है। दुर्घटना को हत्या का रुप दिया जा रहा है। बनबीरपुर में रहने वाले सुभाष सिंह कल्लू व घटना में आरोपी अर्पित दूबे के पिता अखिलेश्वर कुमार दूबे के बीच 2009 से विवाद है। सुभाष सिंह लगातार अखिलेश्वर दूबे के परिवार के फंसाने के लिए षड़यंत्र रचता रहता है। कुछ समय पहले अर्पित का प्रवीण दूबे के साथ लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें सुभाष ने साजिश रचकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें पुलिस जांच में अर्पित निर्दोष साबित हुआ था।
उनका आरोप है कि 7 फरवरी की सुबह सुभाष सिंह ने अपने साथियों के साथ अर्पित को जान से मारने की धमकी दी थी व हमला करने का प्रयास किया था। जिसकी सूचना पुलिस व चौकी पर अर्पित ने दी थी। पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे बढ़े हुए मनोबल के कारण सुभाष ने शाम को फिर से अर्पित को मारने का प्रयास किया। जिसमें अंधेरे में भागने के दौरान यह घटना हो गई। उन्होंने बताया कि अर्पित का परिवार कई पीढ़ियों से काफी समृद्ध है। उनका 1941 से गांव में पुश्तैनी दो बीघे में पांच मंजिला मकान आगे व तीन मंजिला पीछे है। अर्पित के परबाबा थानेदार रहे है। बाबा बलभद्र प्रसाद दूबे सूबेदार मेजर, चचेरे बाबा डीजीसी क्रिमिनल रहे है। चचेरे भाई अमरनाथ दूबे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी है। चाचा केपी दूबे आबकारी अधिकारी है। सुभाष ने ही लोगो को गुमराह करने के लिए सट्टेबाजी द्वारा धन अर्जित करने का भ्रम लोगो के बीच फैलाया है।
उन्होंने कहा कि मामले में सत्यता सामने लाने के लिए मजिस्ट्रेटी जांच आवश्यक है। जिसमें घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज के भी शामिल किया जाए। मामले में जो भी दोषी को उसके खिलाफ कार्रवाई हो और किसी भी निर्दोष को फंसाया न जाय। उन्होंने कहा कि घटना का लगातार राजनीतिकरण हो रहा है। कई संगठन अपना राजनैतिक स्वार्थ साधने के लिए घटना को तूल दे रहे है। मामले में किसी भी प्रकार का कोई राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। प्रेसवार्ता के दौरान चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक रामअनुज तिवारी, राष्ट्रीय महामंत्री राधेश्याम मिश्रा, राधिका प्रसाद पाण्डेय राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राहमण महासभा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष क्षीरेश्वरा मिश्र, प्रदेश मंत्री ओम प्रकाश मिश्रा, कार्यसमिति सदस्य कप्तान तिवारी, सूर्यकांत पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, अखिलेश्वर कुमार दूबे, पारसनाथ पाण्डेय मौजूद रहे।

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