◆ घाट के स्टोर में आ चुकी है दीपोत्सव से संबंधित सामग्री
◆ सात नवम्बर से घाटों पर पहुंचना प्रारम्भ होंगे दिए
अयोध्या । अवध विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दीपोत्सव की सफलता के लिए शनिवार को स्वामी विवेकानंद सभागार में घाट समन्न्वयकों, घाट प्रभारी एवं स्वयंसेवकों हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि विश्वविद्यालय फिर से स्वयंसेवकों की मदद से विश्व कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। अयोध्या का दीपोत्सव विश्व का एक बड़ा आयोजन बना गया है। 21 लाख से अधिक दीए 25 हजार से स्वयंसेवक अनुशासन में रहते हुए दीए प्रज्ज्वलित करेंगे।
जिलाधिकारी अयोध्या नितीश कुमार ने बताया कि दीपोत्सव में राम की पैड़ी विश्व का सबसे बड़ा स्क्रीन लगाया गया है। इससे दर्शक साउंड एवं लाइट का आनंद ले सकेंगे। सातवें दीपोत्सव ़में 21 लाख का दीए गए लक्ष्य आसानी से प्राप्त करेंगे। कार्यशाला में एडीएम सिटी सलिल पटेल ने कहा कि विवि के स्वयंसेवक लगातार दीपोत्सव में विश्व रिकार्ड बना रहे है। यह सब आपके बिना संभव नही है। उन्होंने स्वयंसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि सावधानी पूर्वक दीए में तेल व बाती लगाये एवं दिए गए समय पर ही दीप प्रज्ज्वलित करे। जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसवकों के लिए बसों का इंतजाम किया जा रहा है। उम्मीद है कि 21 लाख से अधिक दीए प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकार्ड बनायेंगे।
कार्यशाला में एसपी सिटी अयोध्या मधूसुदन सिंह ने स्वयंसेवकों से कहा कि आपके सही दीए प्रज्ज्वलित करने से ही विश्व रिकार्ड बनेगा। सभी अपने जोश को दीपोत्सव तक बनाये रखे। उन्होंने कहा कि सभी स्वयंसेवकों को दीपोत्सव के दिन अपने परिधानों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। घाटों पर पुलिस प्रशासन आप सभी के सहयोग के लिए तैनात रहेंगे। दुपहियां वाहनों मंत्रार्थ मंडप में पार्किग के लिए नियत किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई स्वयंसेवक अपने दीपोत्सव आई कार्ड सोशल मीडिया पर साझा न करें। इसके अतिरिक्त अन्य को अपना पहचान पत्र न सौपे। ऐसा करने से सुरक्षा संबंधित समस्याएं बढ सकती है। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव स्थल पर किसी करीबी को बिना वैध पास के न लेकर आये। इसके उन्होंने स्वयंसेवक अपने साथ पिट्ठू बैग लाने से बचे। इससे सुरक्षा कर्मियों को जॉच करने में कठिनाई होती है। घाटों पर पुलिस प्रशासन की डयूटी लगा जा रही है। इनका सहयोग स्वयंसेवकों से अपेक्षित है।
कार्यशाला में दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 एसएस मिश्र ने बताया कि सातवें दीपोत्सव की तैयारियां तेजी के साथ की जा रही है। दीपोत्सव से संबंधित सामग्री घाट के स्टोर में आ चुकी है। दीपोत्सव एक आध्यात्मिक एवं पौराणिक पर्व है। इसका इतिहास सदियों पुराना रहा है। उन्होंने कहा कि त्रेतायुग का दीपोत्सव 2017 से हम सभी को जीवन्त कर रहे है। इस वर्ष 21 लाख के सापेक्ष 24 लाख दीए बिछाये एवं जलाये जायेंगे। जिला प्रशासन की तरफ से सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 07 नवम्बर से घाटों पर दीए पहुॅचने लगेंगे। 08 नवम्बर से स्वयंसेवकों द्वारा 51 घाटों पर दीए सजाने का कार्य शुरू होगा। 11 नवम्बर को तेल, बाती के साथ देर शाम कार्यक्रम अनुसार दीए प्रज्ज्वजित किए जायेंगे। कार्यशाला में पूर्व दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो शैलेन्द्र कुमार वर्मा, व साकेत के पूर्व प्राचार्य प्रो एके मिश्रा ने संबोधित किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अंजनी कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो नीलम पाठक द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो आशुतोष सिन्हा, प्रो चयन कुमार मिश्र, प्रो मृदुला मिश्रा, प्रो अशोक राय, प्रो अनूप कुमार, प्रो सिद्धार्थ शुक्ला, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, प्रो शैलेन्द्र कुमार, प्रो विनोद श्रीवास्तव, उप कुलसचिव दिनेश कुमार मौर्य, डॉ पीके द्विवेदी, डॉ अभिषेक कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार, डॉ गीतिका श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, घाट समन्वयक एवं स्वयंसवेक मौजूद रहे।