Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या आठ अक्टूबर को अयोध्या में होगा भारत के आल्हा सम्राट का चयन

आठ अक्टूबर को अयोध्या में होगा भारत के आल्हा सम्राट का चयन

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◆ विजेता तथा उपविजेता टीमों को किया जाएगा सम्मानित


अयोध्या। तारून ब्लॉक में ग्राम मैहर कबीरपुर के मलावन की बाग में 8 अक्टूबर को अयोध्या में भारत  के आल्हा सम्राट का चयन किया जाएगा। जिसके लिए चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे भारत का सर्वश्रेष्ठ आल्हा सम्राट का चयन किया जाएगा । उक्त जानकारी कार्यक्रम संयोजक व अपना दल के प्रांतीय सचिव प्रमोद सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

उन्होनें बताया की आल्हा सम्राट चैंपियनशिप हमारे पिता स्वर्गीय पृथ्वी सिंह की याद में किया जा रहा है। हर साल यह आयोजन जिले स्तर पर होता था अबकी कार्यक्रम में बदलाव करते हुए इसे बृहद रूप देते हुए भारत आल्हा सम्राट के चयन के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। भारत में कौन आल्हा सर्वश्रेष्ठ है इसके चयन के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारत के हर राज्य व उत्तर प्रदेश के हर जनपद से आल्हा की टीम प्रतिभाग करेगी।

जिसमें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के अलावा विशिष्ट अतिथि महंत राजकुमार दास, सांसद रितेश पांडे, और पूर्व मंत्र सुल्तानपुर विनोद सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, राकेश पांडे, अभय सिंह, अंकुर राज तिवारी, अवधेश द्विवेदी सहित अन्य उपस्थित रहेंगे। आयोजन में विजेता को एक लाख, उपविजेता को इक्यावन हजार , व अन्य पुरुस्कार दिया जाएगा। 8 अक्टूबर को यूपी आल्हा सम्राट फौजदार सिंह जौनपुर,रामरत पाण्डेय लालगंज,नेहा सिंह आल्हा शिरोमणि कानपुर , अताउल्लाह खान सीतापुर, सज्जन मिस्रा अमेठी सहित आल्हा जगत की कई हस्तियां अपनी प्रस्तुतियां देंगी।

उन्होनें कहा कि आजकल हम अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं आज की पीढ़ियां आल्हा के बारे में कुछ नहीं जानती इसके जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए भारत में यह पहला बड़ा आयोजन हो रहा है जिसमें भारत आल्हा सम्राट का चयन करने के लिए चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है जिसमें प्रतिभाग करने वाले विजेताओं को पुरस्कृत करना उनके मनोबल को बढ़ाते हुए समाज में आल्हा के प्रचार प्रसार को बढ़ावा देना है।

यूपी आल्हा सम्राट फौजदार सिंह ने बताया कि उत्तर भारत में प्रचलित लोकगीत और संगीत का एक रूप, जो श्रोताओं को वीर रस का संचार करने में सक्षम है। लोक संगीत की इस शैली को ’आल्हा’ के नाम से जाना जाता है। यह आयोजन निश्चित तौर पर सर्वश्रेष्ठ आयोजन होगा यह भारत का पहला ऐसा आयोजन है जो आल्हा कलाकारों कि कला का प्रदर्शन तो करेगा साथ ही इससे कलाकारों की हौसला अफजाई भी होगी।

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