◆ अवध विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारतीय सभ्यता में ज्ञान परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने में सदैव गुरुकुलों एवं विश्वविद्यालयों का योगदान रहा है। इसमें समाज के निर्माण एवं संवर्धन में विश्वविद्यालयों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। संस्कृति, ज्ञान एवं परंपरा के संरक्षक एवं विभिन्न कालों में नवीन परम्पराओं के संवाहक एवं नवोन्मेष शोध केंद्र के रूप में ये समाज को सकारात्मक दिशा देने का कार्य रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आप सभी भारत के सबसे युवा एवं सबसे बड़ी पूंजी है। भारत युवा देश में से एक है। हमारी पचपन प्रतिशत से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवे स्थान पर है। वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। देश के प्रधानमंत्री जी 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसलिए हम सभी के पास स्वर्णिम अपार संभावनाएं है। बल्कि उसके अनुरूप परिस्थितियां भी है। वर्ष 2047 में जब देश आजादी का वर्षगाठ बनायेगा। भारत का समृद्ध गौरवशाली इतिहास सदैव गौरान्वित करती रहती है।
समारोह में राज्यपाल ने कहा कि छात्राएं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रही हैं। सत्र 2023-24 की परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं का प्रतिशत 55 है, और आज के दीक्षांत समारोह में संबंधित पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंको से उत्तीर्ण होने वाले 116 प्रदान किये जाने वाले स्वर्ण पदकों मे से 65 स्वर्ण पदक छात्राओं को प्राप्त हुए हैं, जो 64 प्रतिशत है। बालिकाओं का इस प्रकार का प्रदर्शन न केवल प्रसंशनीय है बल्कि स्वागत योग्य होने के साथ समाज के सर्वांगीण विकास में महिलाओं की सशक्त भूमिका के आह्वान का एक सुन्दर एवं सुखद संदेश है।
