◆ राज्यमंत्री ने कहा कि पहले यूपी में 38 जिले थे बाढ़ प्रभावित और अब चार
◆ मण्डलीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला सम्पन्न
अयोध्या। आयुक्त कार्यालय सभागार में मण्डलीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश सरकार के राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान बाल्मीकि, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ले0ज0 आर0पी0 शाही, विशिष्ट अतिथि राहत आयुक्त पी0एन0 सिंह, मण्डलायुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी नितीश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि राजस्व राज्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व उत्तर प्रदेश में 38 जिले बाढ़ से प्रभावित हुआ करते थे, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व एवं सभी के सहयोग से अब 4 जनपद ही बाढ़ से प्रभावित रह गए है। उन्होने कहा कि इस कार्यशाला में आपदा के जोखिम को कैसे कम से कम स्तर पर लाया जाय इसके विषय में चर्चा की गयी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 11 घटनाओं को आपदा की श्रेणी में रखा गया है तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पहले 9 घटनाओं को आपदा श्रेणी में रखा गया था जिसमें हाल ही में दो और घटनाओं (सर्पदंश, नील गाय) से प्रभावित को जोड़ते हुए कुल 11 को आपदा घोषित किया गया है। राज्य में आपदा के लिए आपदा हेल्पलाइन नम्बर 1070 जारी किया गया है, जो लखनऊ स्थित एनेक्सी के 20 सीटर हाल में 24ग7 संचालित है, जिसमें प्रदेशवासियों द्वारा फोन काल के माध्यम से जो जानकारियां उपलब्ध करायी जाती है, जिसे तत्काल जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुये निस्तारित कराया जाता है।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ले0ज0 आर0पी0 शाही ने कहा कि आकाशीय बिजली से बचने का सबसे बेहतर उपाय पक्की छत के नीचे रहना है। आसमान में बिजली चमकने के दौरान प्रायः लोग पेड़ की छाया का सहारा लेते है जो अत्यंत ही जोखिम है, चूंकि पेड़ के पास बिजली गिरने की संभावना अत्यधिक रहती है। उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली सहित अन्य दैवीय आपदाएं प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में होती है, जिसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का अभाव है हमें एक बेहतर अभियान चलाकर डाक्यूमेंट्री फिल्म आदि के माध्यम से ग्रामीण जन एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नदियों के घाटों पर राजस्व टीम व पुलिस बल मिलकर वहां के नाविकों द्वारा चलायी जा रही नावों की फिटनेस आदि की जांच निरन्तर करते रहने की आवश्यकता है तथा प्रत्येक यात्री को नौकायन के दौरान लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य किया जाए, जिससे किसी भी दुर्घटना आदि से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण होने के उपरांत श्रद्धालुओं की संख्या में लाखों की वृद्धि होगी जिसके लिए अभी से बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य किये जाय, जिससे अग्रिम भविष्य में श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न होने पाये।
कार्यशाला में आये सभी आपदा एवं सम्बंधित विभागों से जुड़े अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने कहा कि आप सभी ‘एजेंट आफ चेंज‘ हो जिनके माध्यम से आपदा के दौरान होने वाली हानियों को कम किया जा सकता है। हम सभी के पास संसाधनों की कोई कमी नही है, परन्तु आम जनमानस के मध्य आपदा से बचने सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों का अभाव है। इसके लिए हम सभी को आम जनमानस के मध्य आपदा से बचने की जानकारियों को जागरूकता के माध्यम से पहुंचाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी एक टारगेट फिक्स कर लें कि कैसे हम आपदा के दौरान होने वाली हानियों को शून्य स्तर पर ला सकते है और इसके लिए बेहतर उपाय करें। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में केवल एक डॉपलर रडार सिस्टम है जिसके माध्यम से हम मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करते है। आगामी दिनों में ऐसे 5 रडार प्रदेश में लगाये जायेंगे जिससे हम और बेहतर मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे तथा भविष्य में सरकार की योजना है कि बेहतर मौसम की जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए हर पंचायत भवन में मौसम डिटेक्टर लगाये जायेंगे।
राहत आयुक्त प्रभु नरायन सिंह ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये कहा कि बरसात का मौसम को देखते हुये जहां भी बाढ़ आने की संभावना हो वहां पहले से ही नाव सहित अन्य जरूरी संसाधन तैयार कर लें तथा जो भी क्षेत्र बाढ़ के लिए अत्यधिक संवेदनशील हो उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाय। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल सहायता प्रदान की जाय तथा उनकी हरसंभव मदद की जाय। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में सम्बंधित अधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बिल्डिंग निर्माण का प्रोजेक्ट शासन को भेजे, जिसे स्वीकृत कराकर जल्द ही जिलों में डीडीएमए की बिल्डिंग उपलब्ध करायी जा सकें।
कार्यशाला का संचालन अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह द्वारा किया गया। उक्त कार्यशाला में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मण्डल के सभी जिलों के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समिति के सदस्यों एवं मण्डलीय एवं जनपद स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।