अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने आयुक्त कार्यालय सभागार में पेइंग गेस्ट योजना के तहत 59 भवन स्वामियों को पेइंग गेस्ट पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उपस्थित भवन स्वामियों को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी दीपोत्सव कार्यक्रम तथा निर्माणाधीन श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या धाम में वृहद स्तर पर श्रद्धालुओं/पर्यटकों के आगमन व रात्रि विश्राम के दृष्टिगत अधिक से अधिक भवन स्वामियों को पेइंग गेस्ट योजना से जोड़ने हेतु अभियान चलाकर कार्य किया जा रहा है जिसके क्रम में आज 59 भवन स्वामियों को पंजीकरण प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह यूनिक योजना अयोध्या में विशेष रूप से संचालित की जा रही है। इसका प्रयास अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को भवन स्वामियों से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि पेइंग गेस्ट योजना से संस्कृति आदान-प्रदान के साथ ही स्थानीय व्यंजन एवं अवधी पकवान से भी श्रद्धालु अवगत हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी इससे पूरे अयोध्या में लोगों को रोजगार सृजन के साथ ही आय सृजन भी होगा। उन्होंने कहा कि पेइंग गेस्ट में ठहरने वाले लोगों से विनम्रता के साथ अच्छा व्यवहार करें, परिवार की तरह रखें, अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करायें, साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें, कम से कम मूल्य पर अच्छा से अच्छा सर्विस दें। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने भावनो को व्यवस्थित रखने एवं स्टैंण्डर्ड निरंतर सुनिश्चित रखें। साथ ही आसपास के भवन स्वामियों को भी पेइंग गेस्ट योजना की जानकारी देने तथा योजना से जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश पर्यटन की पेइंग गेस्ट योजना है इस योजना के माध्यम से हम अपने घरों में रहते हुए 02 रूम से लेकर 05 रूम तक रजिस्टर करवा सकते हैं। पर्यटन विभाग द्वारा किराए का निर्धारण 1500 से लेकर 2500 तक का किया गया है। इसके अतिरिक्त भोजन के चार्ज अलग से होंगे। अभी तक इस योजना के माध्यम से लगभग 300 घरों के आवेदन स्वीकार किए गए हैं। प्रथम चरण में 41 भवन स्वामियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए, द्वितीय चरण में 102 भवन स्वामियों को सर्टिफिकेट दिए गए तथा तृतीय चरण में 59 भवन स्वामियों को सर्टिफिकेट दिए गए हैं। शेष भवन स्वामियों का सर्टिफिकेट उनके द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र मिलते ही वितरित कर दिए जाएंगे। इस योजना के माध्यम से यहां के स्थानीय भोजन को एक थाली के रूप में अयोध्या की थाली भी विकसित की जा सकती है। जिससे कि अयोध्या के पारंपरिक व दैनिक खाद्य पदार्थ को ग्लोबल लेवल पर प्रदर्शित कर एक पहचान बनाने का भी कार्य कर सकते हैं। इस योजना से लोगों की प्रति व्यक्ति आय तो बढ़ेगी अपितु अयोध्या एक आत्मनिर्भर नगरी के रूप में भी निखर कर आएगी।
बैठक में नगर आयुक्त विशाल सिंह, उप निदेशक पर्यटन सहित अन्य संबंधित अधिकारी व भवन स्वामी उपस्थित रहे।