अयोध्या। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार देर शाम जिला कारागार से जमानत पर रिहा हुए। उन्होंने 2022 के पुराने मामले में 15 जुलाई को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। जेल से रिहा होने पर कार्यकर्ता ने उनका जोरदार स्वागत किया। रिहाई के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया कि उन्हें आमजन की आवाज उठाने पर उनके ऊपर सत्ता पक्ष के दबाव में गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज कर दिया गया जिस पर उन्होंने आत्म समर्पण कर माननीय न्यायालय से जमानत ली।
उन्होंने कहा कि वह लगभग दो सप्ताह तक मंडल कारागार में रहे इस दौरान मंडल कारागार में बंदियों की जो दुर्दशा देखी उससे मन विचलित हुआ और जेल अधीक्षक के व्यवहार के बारे में जो सुना और देखा वह कल्पना से परे था। जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को ऐसा खराब भोजन दिया जा रहा जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं रहता। कारागार में बंदियों का धन उगाही के लिए शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया जाता है।
उन्होंने जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा एचआईवी पॉजिटिव बंदियों को भी सामान्य बंदियों के साथ रखा जाता है। यहां तक की बीमार बंदियों को बिना धन उगाई के अस्पताल नहीं भेजा जाता। मुलाकात पर्ची में भी वसूली की जाती है।
जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी अयोध्या तथा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय अध्यक्ष को पत्र भेज कर मंडल कारागार के अधीक्षक व उनके अधीनस्थ के करतूत की उच्च स्तरीय जांच करा कर दंडित किए जाने की मांग की।