◆ भाजपा प्रत्याशी चन्द्रभानु ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को रिकार्ड मतों से किया पराजित
अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा की जीत अब तक मिल्कीपुर में हुए विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी जीत के रूप में दर्ज हो गई है। भाजपा प्रत्याशी चन्द्रभानु ने 61 हजार 636 मतों से सपा प्रत्याशी को पराजित किया। मिल्कीपुर के सभी विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले साल 2012 में सपा ने यह 34 हजार 260 मतों से बसपा प्रत्याशी को हरा कर जीत दर्ज की थी। 2017 के चुनाव में 28276 मतों से भाजपा के बाबा गोरखनाथ ने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को हराया था। 1974 तथा 1977 के चुनाव में हार जीत का अंतर लगभग 14 हजार रहा था। मत प्रतिशत में 1974 में लगभग 51 प्रतिशत मत प्राप्त कर धर्मचन्द्र विधायक बनें थे।
मिल्कीपुर विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के उपरांत रिक्त हुई मिल्कीपुर विधान सभा का चुनाव प्रारम्भ से ही हाईटेक रहा। कानूनी अड़चनों के कारण प्रदेश में हुए अन्य उपचुनावों के साथ यहां का उपचुनाव नही सम्पन्न हो सका। सपा की ओर से प्रत्याशी का चुनाव पहले ही कर लिया गया था। भाजपा ने आखिरी समय पर चन्द्रभानु पासवान के नाम पर मोहर लगाई। भाजपा सरकार के सात मंत्री लगातार मिल्कीपुर मे डेरा डाले थे। खुद मुख्यमंत्री ने यहां पर दो चुनावी सभाएं की। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने जनसभा तथा बृजेश पाठक ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन तथा युवा सम्मेलन में हिस्सा लिया।
साल 2012 में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने बसपा प्रत्याशी पवन कुमार को 34260 मतों हराया था। अवधेश प्रसाद को 73803 तथा पवन कुमार को 39566 तथा भाजपा के रामू प्रियदर्शी को 32945 मत मिले थे। 2017 बाबा गोरखनाथ ने सपा के अवधेश प्रसाद को 28276 मतों से पराजित किया था। 1974 के चुनाव में कांग्रेस के धर्मचंद्र ने भारतीय जनसंघ के शंकर नाथ त्रिपाठी को 14949 मतों से हराया था। धर्मचन्द्र को 29557 तथा शंकर नाथ त्रिपाठी को 14608 मत प्राप्त हुए थे। मत प्रतिशत के आधार पर यही अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इस चुनाव में विजयी प्रत्याशी को 51.76 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। 1989 में विजयी प्रत्याशी को 48.63 तथा 1985 में 48.52 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ था।