अयोध्या। रामजन्म भूमि मंदिर के भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक सर्किट हाउस में हुई। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने निर्माण कार्यों की समीक्षा की। बैठक के बाद चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष निपेंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रथम तल गर्भगृह के उपर रामेश्वरम् में भगवान श्री राम द्वारा शिव पूजन की कलाकृति स्थापित की जाएगी। यह दक्षिण को उत्तर से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है। रामजन्मभूमि के मूर्तिकार वासुदेव कामत ने कलाकृति लगने का स्थान देखा। जिस कला से साथ इसे बनाया गया है वह इसके लिए उपयुक्त स्थान है। उन्होंने बताया कि वासुदेव कामद के द्वारा परकोटे में लगाए जा रहे म्यूरल्स का भी परीक्षण किया गया। रविवार को भी परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परिसर के अंदर सप्तमंदिर में स्थापित होने वाली सातों प्रतिमाएं रविवार-सोमवार तक मंदिर परिसर में पहुंच जाएंगी। उन्हें उनके मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। जिसकी तिथियां तय कर दी गई हैं। सप्तमंदिर में स्थापना के बाद परकोटा में स्थापित होने वाली भगवान साधु संतों और महापुरुषों की मूर्तियों की स्थापना होगी। इसके बाद रामदरबार की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के पूरब मुख्य प्रवेश द्वार पर पहले से ही हिन्दी व अंग्रेजी में 500 वर्षों के मंदिर के इतिहास को प्रदर्शित किया गया था। जहां श्रद्धालु इसे पढ़ नही पाते थे। लोगों के सुविधा के लिए यात्री सुविधा केंद्र पर भी मंदिर का इतिहास लगाया गया है।
पिकनिट स्पॉट के तर्ज पर नही होगी राममंदिर की लाइटिंग
उन्होंने बताया कि मंदिर में लाइटिंग को लेकर के भी चल चर्चा की जा रही है। पिकनिक स्पॉट के तर्ज पर राम मंदिर में लाइटिंग नहीं की जाएगी। राम मंदिर के दर्शन मार्ग पर छाया की व्यवस्था बनाई गई है। एलएनटी ने एक मार्ग पर केएनओपी का निर्माण किया है। दूसरे मार्ग पर राजकीय निर्माण निगम इसका निर्माण कर रहा है। केएनओपी निर्माण से श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत मिलेगी।
शिखर निर्माण आखिरी चरण में, शुरू होगा कलश लगाने का कार्य
उन्होंने बताया कि 15 मई तक शिखर पर ध्वज दंड लगा दिया जाएगा। हवाई जहाज के लिए एविएशन लाइट लग कर तैयार हो जाएगी। शिखर का निर्माण आखिरी चरण में है अब कलश लगाने का काम शुरू होगा।