मिल्कीपुर, अयोध्या। मिल्कीपुर तहसील परिसर में सोमवार को एक पत्रावली को लेकर दलाल द्वारा हस्तक्षेप करने का मामला प्रकाश में आया है। जिसको लेकर तहसील के अधिवक्ताओं ने हंगामा कर दिया। हंगामें के बाद तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बैठक कर कार्रवाई लिखकर निर्णय लिया गया।
मिल्कीपुर तहसील परिसर में सोमवार को तहसील के न्यायालयों में हॉबी दलालों से परेशान होकर मिल्कीपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने एक लिखित कार्रवाई करते हुए निर्णय लिया गया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी पत्र में आदेश किया गया है कि बिना सीओपी नम्बर प्राप्त अधिवक्ता ना तो काला कोट पहनेंगे ना ही बैंड लगाए और न वकालत नामा लगाये, न ही किसी मुकदमे में पैरवी ही करेंगे यदी ऐसा करते हुए पाए जाएंगे तो उनके विरुद्ध बार काउंसिल आफ इंडिया व बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश को कार्रवाई लिखे जाने का निर्देश दिया गया है। जिससे उन अधिवक्ताओं को दंडित किया जा सके।
ऐसी स्थिति में बिना सीओपी धारक अधिवक्ताओं को विशेष रूप से सूचित किया जाता है कि यदि कोई बिना सीओपी धारक अधिवक्ता ऐसा करता पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश और बार काउंसिल आफ इंडिया को पत्र लिखा जाएगा उसकी पूर्ण जिम्मेदारी बिना सीओपी धारक अधिवक्ताओं की होंगी। वर्तमान समय में तहसील मिल्कीपुर परिसर में दलाली चरम सीमा पर है इस कारण मिल्कीपुर बार एसोसिएशन के समस्त अधिवक्ताओं को सूचित अथवा निर्देशित किया जाता है कि आप सभी कोट और बैंड में आने का प्रयास मंगलवार से अवश्य करें। यदि बिना कोट व बैंड के अधिवक्ता के साथ विवाद विवाद होता हैं तो उसकी जिम्मेदारी उस अधिवक्ता स्वयं की होगी मिल्कीपुर बार एसोसिएशन जिम्मेदार नहीं होगा।
इस मौके पर मिल्कीपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेश कांत यादव, महामंत्री गंगा प्रसाद दुबे, पूर्व अध्यक्ष पवन शुक्ल, पूर्व मंत्री बृजेश मिश्रा, अनिल पाठक, लल्लू प्रसाद तिवारी, सूर्य नारायन दुबे, महेंद्र प्रताप सिंह, अमर जीत सिंह, उदय राज मौर्या, विजय बहादुर यादव, शशि भूषण मिश्र, अरविंद पाण्डेय आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।