बाराबंकी। सफदरगंज के ग्राम उधौली में एक दूल्हे को बिना दुल्हन के घर वापस लौटना पड़ा। जयमाला हुई, सात फेरे हुए, लेकिन विदाई के समय देवता न मिलने पर वधू पक्ष के लोगों ने विदाई से इन्कार कर दिया। दोनों पक्षों के बीच विदाई को लेकर हुए विवाद के बाद पहुंची पुलिस ने एक दूसरे का लेनदेन वापस कराकर समझौता करा दिया। बारात वापस लौट गई।
दो मार्च की शाम को असंद्रा थाना के ग्राम पूरे तेलमहा पारा इब्राहिमपुर निवासी बालकराम के पुत्र आशीष कुमार की बरात गाजे-बाजे के साथ सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम उधौली में गिरधारी लाल के यहां आयी थी। द्वार पूजा, वरमाला सहित सभी वैवाहिक कार्यक्रम निपटने के बाद विदाई के समय वधू रंजना कुमारी उर्फ़ शिवरंजना ने विदा होने से इंकार कर दिया। जानकारी के अनुसार शिवरंजना ने कुलदेवताओं के अलग-अलग होने का तर्क दिया। जिसके बाद दोनों पक्षो में बहस हुई लेकिन वधू पक्ष ने विवाह के बाद लड़की को विदा करने से इंकार दिया। दोनो पक्षों के बींच जमकर वाद विवाद होने लगा और मामला पुलिस तक पहुंच गया। वर पक्ष का कहना है कि वधू पक्ष के लोग जेवर हड़पने की नियत से देवता एक न होने की बात कहकर विदाई नही कर रहे है वही वधू पक्ष का कहना है कि वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान दूल्हे ने शराब पी रखी थी।
चमड़े के कुलदेवता देख बिफरी दुल्हन
विवाह कार्यक्रम के दौरान आधी रात बाद अचानक दूल्हे के कोट की जेब मे चपड़े के कुलदेवता की चमड़े की तस्वीर देख दुल्हन रंजना बिफर पड़ी, और शादी से इंकार कर दिया। तमाम कोशिशों के बाद भी लड़का पक्ष राजी नहीं हुआ। थाना सफदरगंज पहुंचा तो प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह के तमाम प्रयास के बाद एक दूसरे के सामान वापसी के बाद बिन दुल्हन के बारात वापस हो गयी।