अयोध्या । जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी वक्तव्य लिखे जाने की घटना पर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रकट करते हुए गुलाबबाड़ी से लेकर सिविल लाइन स्थित गांधी उद्यान तक विरोध मार्च निकाला जहां प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से भेजा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी वक्तव्य लिखा जाने से ब्राह्मण समाज आक्रोशित है। यह सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा हिंसा फैलाने के मकसद से ब्राह्मण वर्गों पर विशेष रूप से निशाना साध कर माहौल खराब करने का षडयंत्र किया जा रहा है। विरोध मार्च सिविल लाइन स्थित गांधी उद्यान में पहुंचकर जनसभा में बदल गया जहां शिव सेना के उप प्रमुख संतोष दूबे ने कहा कि यह ऋषियों का देश है, शिक्षा के मंदिर में ब्राह्मण व हिंदू विरोधी तत्वों का होना राष्ट्र की अस्मिता के साथ खिलवाड़ है। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि जेएनयू अपनी स्थापना के समय से ही विवादों से घिरा रहा है। यहां पर शरण लिए हुए जिहादी , आतंकी व वामपंथी विचारधारा के तत्वों की तत्काल प्रभाव से गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। जेएनयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में मिल रही सब्सिडी को तत्काल समाप्त करते हुए जेएनयू का नाम बदलकर वीर विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर रखा जाना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक एवं ब्राह्मण स्वाभिमान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम सुमन तिवारी गुलशन ने भी जेएनयू में व्याप्त राष्ट्र विरोधी विचारधारा व तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करने की बात कही। सभा को मित्र मंच के अध्यक्ष शरद पाठक बाबा, कांग्रेसी नेता सुनील पाठक, तथा समाजसेवी अर्चना तिवारी ने भी संबोधित किया। धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शिशिर दूबे ,समाजसेवी काजल पाठक, आलोक पाठक, अंतरिक्ष तिवारी ,वेद मिश्रा विजय तिवारी बृजेश दुबे, विक्की चौबे ,गौरव मिश्रा, विमल तिवारी, रविंद्र ओझा, दिनेश कुमार, कैलाश नाथ तिवारी, लालबाबू, आलोक मिश्र ,महेश शुक्ला, शिव कुमार पांडे ,मनोज त्रिपाठी ,प्रमोद तिवारी, डॉक्टर दिवाकर त्रिपाठी, दीपक शुक्ला, आशीष पाठक उपस्थित रहे