अयोध्या। शहर के चर्चित मनोज शुक्ला हत्याकांड में मुख्य आरोपी आशीष सिंह समेत 11 अभियुक्तों के खिलाफ दोष सिद्ध कर दिया गया है। एक अभियुक्त मुनज मेहरोत्रा को साक्ष्य के अभाव दोष मुक्त घोषित किया।प्रेम प्रकाश अपर सत्र न्यायाधीश गैगेस्टर एक्ट की अदालत में आरोप सिद्ध किया है। 24 जनवरी को सजा का ऐलान किया जाएगा। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह, विकास शुक्ला व राहुल सिंह ने पैरवी की।
एडीजीसी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 13 जून 2019 को राघवेन्द्र शुक्ल ने कोतवाली नगर में तहरीर दी 12 जून 2019 की रात 11 बजे उसका छोटा भाई मनोज शुक्ला को वीरेश सिंह पुत्र स्व. वीपी सिंह उर्फ चट््टान सिंह के साथ सिविल लाइन एक होटल में खाना खाने गया। वहां उसके भाई को आशीष सिंह पुत्र वीपी सिंह उर्फ चट््टान सिंह ने मारा पीटा तथा अपहरण कर लिया। इस संबध में कोतवाली नगर में अपहरण का मुकदमा पंजीकृत हुआ। 15 जून 2019 को मनोज शुक्ला की लाश मसकनवां रेलवे थाना छपिया गोण्डा में मिली। फोटो के आधार पर मनोज की शिनाख्त हुई।
उन्होनें बताया विवेचना के उपरान्त 13 आरोपियों जिनमें आशीष सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, विनीत कुमार पाण्डेय, सोनू सोनकर, श्याम कुमार यादव, शिवम् सिंह, विकास तिवारी, मुनज मेहरोत्रा, अनीश पाण्डेय, राना सिंह, श्रवण कुमार पाण्डेय व किशोर अपचारी के विरूद्ध धारा 364, 323, 147, 148, 201 व 302, 120 आईपीसी में आरोप पत्र न्यायालय भेजा गया। एक आरोपी किशोर अपचारी घोषित हुआ। न्यायालय ने 11 आरोपियां पर दोष सिद्ध किया। मनुज मेहरोत्रा के विरूद्ध आरोप साबित ने होने पर उन्हें दोष मुक्त किया गया।