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साहित्य के विभिन्न रंगों से मिश्रित कवि सम्मेलन के माध्यम से दी गई अटल जी को श्रद्धांजलि

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अयोध्या। अटल जयंती पर जिले के राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन साहित्य के विभिन्न रंगो से मिश्रित नजर आया। यहां मनोभाव को कलात्मक रुप से प्रस्तुत करती अभिव्यक्ति ने अटल जी की तस्वीरों को सजीवता प्रदान कर दी।

वीर, हास्य व श्रंगार रस की कविताओं की प्रस्तुति के दौरान पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कवि सम्मेलन का उद्घाटन महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने किया। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने किया था। संचालन शशिकांत यादव ने किया।

                 महंत कमलनयन दास ने दास ने कि अटल जी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ प्रखर वक्ता, कवि, पत्रकार व साहित्यकार भी थे। उनकी रचनाएं युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत्र है। जिसका अध्ययन व्यक्ति के भीतर शौर्य व पराक्रम का संचार कर देता है। मुख्य अतिथि चम्पत राय ने कहा कि अटल जब पहली बार संसद पहुंचे तो नेहरु ने उनके द्वारा देश का नेतृत्व करने के बारें में कहा था। उनकी कविताएं हमें मंत्रमुग्ध कर देती है। जिसमें राष्ट्रवाद व राष्ट्र प्रेम का भाव समाहित रहता है। पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई की प्रेरणादायक कविताएं लोगो के भीतर सदा आत्मविश्वास का संचार करती रहेंगी। जयंती पर उनको श्रद्धांजलि अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कविता व साहित्य की प्रज्जवलित रश्मि के माध्यम से दी गई।

कविता पाठ करती कविता तिवारी
कविता पाठ करती डा भुवन मोहिनी

  कवि सम्मेलन के दौरान कवियत्री कविता तिवारी ने वीर रस की कविताओं की प्रस्तुति करके श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने भारतवर्ष की बेटी हूं, हरगिज डर नहीं सकती, मगर जो देशद्रोही हो उसे पूजा नहीं जाता, इसलिए हे राम धरा पर आना जरुरी है, मुक्तिमार्ग चुनना चाहो तो मेरे संग जय श्री राम कहो की भावपूर्ण प्रस्तुति दिया। प्रियांशु गजेन्द्र ने काट रहा दिन जैसे तैसे, कोई पीकर मर जाए तो प्याले की खता क्या है, जमुना उपाध्याय ने कुछ लोगो को हंसने की तैयारी करनी पड़ती है, हकीकत ये की ख्यालों के सिवा कुछ भी नहीं की प्रस्तुति से श्रोताओ को भाव विभोर कर दिया। जानी वैरागी ने देश में वही जिएगा जो खाएगा, मुस्कुराता हुआ कश्मीर मिला,

विकास बौखल

विकास बौखल ने पेड़ लगाने वाला छुट्टी पर है हम अपना काम कर रहे है, बाद में पता चला पड़ोस वाली चाची है की प्रस्तुति करके श्रोताओ को खूब हसाया। अशोक टाटम्बरी ने जन्मदिन की बधाई अटल के लिए, सबका बांटा हमका डांटा इ मुराही न चली, डा. भुवन मोहिनी ने हो गई हो गई रे बांवरिया दुनिया हो गई रे, अपने राम के पास आई हूं, रमेश विश्वधर ने हमने देखे तुम्हारे कुंवारे नयन, दर्द बनके तू आंखो के पानी में है, प्रवीण पाण्डेय ने इन पलको पर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है, मौत से ठने तो स्वाभिमान को नमन है, गणेश शंकर विद्यार्थी ने लोहू की प्यासी अग्निशिखा सी तलवार न होती, अमन सोनी ने राम जनजन में समाया की प्रस्तुति किया। सरिता शर्मा ने मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दिया। मौके पर राज्य मंत्री सतीश शर्मा, उ.प्र. अनूसूचित जाति एंव जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, महंत रामकुमार दास, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक रामचन्दर यादव, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, जिलाध्यक्ष बाराबंकी अरविंद मौर्या, पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा, बांके बिहारी मणि त्रिपाठी, कमलाशंकर पाण्डेय, ओम प्रकाश सिंह, अवधेश पाण्डेय बादल, अभिषेक मिश्र, अवधेश श्रीवास्तव, रोहित सिंह, राघवेन्द्र पाण्डेय, अखंड प्रताप सिंह डिम्पल, गिरीश पाण्डेय डिप्पुल, करूणाकर पाण्डेय, कृष्ण कुमार पाण्डेय खुन्नू, सुनील तिवारी शास्त्री, मनमोहन जायसवाल, विजय गुप्ता, शैलेन्द्र कोरी, सहित बड़ी संख्या में जनमानस मौजूद रहा।

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