अयोध्या। राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में मंदिर निर्माण के आंदोलनों व बलिदानों की झलक दिखाई देगी। मंदिर परिसर राम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों की संघर्ष गाथा को पीतल की प्लेट पर उकेरा गया है। जिससे आने वाले श्रद्धालु राम मंदिर निर्माण के इतिहास को जान सके। राम मंदिर आने वाला प्रत्येक श्रद्धालुओं मंदिर निर्माण के इतिहास को जानना चाहता है। संघर्ष गाथा से रूबरू होना चाहता है। श्रद्धालुओं को राम मंदिर निर्माण के लिए किए गए संघर्ष की जानकारी देने के लिए परिसर के यात्री सुविधा केन्द्र में इसे स्थापित किया गया है। पीतल की सुन्दर प्लेटों पर हिन्दी व अंग्रेजी में भाषा में मंदिर निर्माण के इतिहास को अंकित किया गया है।
लम्बे संघर्ष के उपरान्त 22 जनवरी 2024 को रामलला की मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। इस संघर्ष में कई आंन्दोलन व लड़ाईयां हुई। संघर्ष में कई लोगों ने अपने प्राणो की आहूति दी। मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा मंदिर विध्वंस से लेकर राम मंदिर निर्माण तक की गाथा को यहां प्रर्दशित किया गया है। राम मंदिर ट्रस्ट की मंशा है कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के लिए किए गए बलिदानों के बारे में जानकारी मिले तथा वे बलिदानियों के प्रति अर्पित कृज्ञता व्यक्त कर सकें।