अयोध्या। एक कविता की कुछ पंक्तियां है कि जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है वह नर नहीं नर पशु निरा और मृतक समान है। वर्तमान पीढ़ी को हमारे गौरवशाली इतिहास के बारें में पता ही नही है। वर्तमान में जो इतिहास को लोग जानते है वह भी तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है। ऐसे में आवश्यकता है कि शिक्षा नीति व पाठ्यक्रम में बदलाव की। हमें पाठ्यक्रम में महापुरुषों के जीवन चरित्र को शामिल करना चाहिए। जिससे लोगो के भीतर राष्ट्र प्रेम का भाव जागृत हो तथा उनसे प्रेरित होकर देश की रक्षा व सेवा में भारत का हर नागरिक अपना योगदान सुनिश्चत करें।
9 मई को महाराणा प्रताप की जयंती है। इस जयंती पर कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयेजन किया जायेगा। इन कार्यक्रमों को और विस्तार मिलना चाहिए। देश के प्रत्येक नागरिकों को महाराणा प्रताप व उनके साथ संघर्ष में शामिन नायकों के बारें में भी लोगो को अवगत कराना चाहिए। महाराणा प्रताप की जयंती पर पाठ्यक्रम में महापुरुषों के जीवन चरित्र के बारें में शामिल करने के बारें में लोगो की राय ली गयी। जिसमें नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, सहकारी बैंक के सभापति धर्मेन्द्र प्रताप सिंह टिल्लू, महाराणा प्रताप डिग्री कालेज प्रबन्धन सुरेन्द्र नाथ सिंह, क्षत्रिय बोर्डिंग के मंत्री राम कुमार सिंह व सदस्य सूर्य नारायन सिंह से वार्ता की गयी। खबर के साथ प्रस्तुत वीडियों में जानियें क्या कहना है जानकारों का………………………………………………………………………