पूरा बाजार, अयोध्या। रामजन्मभूमि पर भव्य, दिव्य और नव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से मंदिर में 22 जनवरी को विग्रह (मूर्ति) की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। बलिदानी कारसेवकों को याद करके दुनिया भर के हिन्दू उन्हें श्रद्धाजंलि दे रहे हैं।
1990 आंदोलन के एक कारसेवक जो 76 वर्ष के हो चुके हैं। ग्राम पंचायत नारा, पूराबाजार के रहने वाले हैं। 34 वर्ष की उम्र में 2 नवंबर 1990 को मंदिर आंदोलन के लिए वह गये थे। कारसेवा के दौरान हनुमानगढ़ी के सामने लाल कोठी की गली में निहत्थे रामसेवकों पर पुलिस ने गोलियां चला दी। इसके चश्मदीद अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने करीब 8 घायल कारसेवकों को इलाज के लिए साथियों की मदद से अस्पताल पहुंचाया। एक अन्य साथी कारसेवक रमेश पाण्डेय को गोली लग गई। उन्हें किनारे किया। उन्होंने बताया कि घायल कारसेवक ओमप्रकाश तिवारी की मद्द करने के दौरान उन्हें भी गोली लग गयी।
गोली लगने से घायल अखण्ड प्रताप को साथी कारसेवक पहले अयोध्या फिर मेडिकल कालेज ले गये। जहां वरिष्ठ सर्जन डा पीएन सिंह ने इलाज के दौरान कहा कि बंदूक की गोली की बुलेट अंदर फंस गई है। निकालने पर अंग लकवाग्रस्त हो सकता है। इसलिए अंदर रहने दीजिए।
कारसेवक अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि वे बचपन से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े रहे। वे अयोध्या के वाल्मीकि भवन में 21 जुलाई 1984 में हिन्दुत्व के पुरोधा गोरक्षा पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ के अध्यक्षता में बने श्रीरामजन्म भूमि मुक्ति यज्ञ समिति से जुड़कर श्रीराम जानकी रथयात्रा से जुड़े रहे। अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि हमारे मार्गदर्शक रहे महंत अवैद्यनाथजी रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की आत्मा थे। इतिहास उनको कभी भूला नहीं पायेगा।
सफल रहा मंदिर आंदोलन मगर कई साथी अब नही रहे
अयोध्या धाम में 22 जनवरी होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बारे में अखण्ड प्रताप सिंह सूर्यवंशी ने बताया कि राममंदिर आंदोलन आज सफल हो गया है अब उन सभी लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी। जिन्होनें अपने प्राण इसमें त्याग दिए। उस आंदोलन को आज अंतिम रुप मिल चुका है । उन्होंने बताया कि दुःख की बात यह है कि प्राण-प्रतिष्ठा देखने के लिए आज उनके कई साथी मौजूद नहीं है। जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।