◆ 76 सीढ़ीयां चढ़कर होते है बजरंगबली के दर्शन
◆ महाबीरी लगाने से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट
रघुपति के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी की महिमा का प्रभाव चारो युगों में है। माता जानकी के वरदान से बजरंगबली आठों सिद्धियों व नौ निधियों को प्रदान करने वाले हैं। उनके भक्तों को श्री हनुमान की सेवा से ही सर्वस्व की प्राप्ति होती है। अतुलित बल के स्वामी, ज्ञानियों में अग्रणी श्री हनुमान रामनगरी के श्री हनुमानगढ़ी मंदिर में भगवान श्रीराम के आदेश पर साक्षात निवास करते हैं। 76 सीढ़ीयां चढ़ कर यहां हनुमान जी का दर्शन लाभ प्राप्त करते है। माता अंजनी की गोद में श्री हनुमान विराजमान है।
श्री राम के दर्शन से पूर्व हनुमान जी के आदेश की है पुरानी परम्परा
सिद्ध संतों व महापुरूषों को समय-समय पर उनका अनुभव भी होता रहा है। अयोध्या के राजा होकर हनुमानजी श्रीराम के भक्त के रूप में हनुमानगढ़ी में सदा सर्वदा साक्षात वास कर भक्तों का कष्ट दूर करते हैं और उसे जड़ से समाप्त कर देते हैं। भगवान श्री राम के अनंत धाम जाने के समय उन्हें धरती पर रहने का आदेश दिया था। अयोध्या की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हनुमान जी को सौंपा था। श्री हनुमान जी ही कलियुग के देव है जो पृथ्वी पर ही विभिन्न रूप में रहते है। अयोध्या में भगवान श्री राम के दर्शन से पूर्व यहां उनका दर्शन तथा आदेश लेने की एक प्रथा पुरातन काल से चली आ रही है।
