Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या जिले की सभी विकासखंडो में बनाये गये है एक एक एफपीओ

जिले की सभी विकासखंडो में बनाये गये है एक एक एफपीओ

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मिल्कीपुर, अयोध्या। केंद्र सरकार ने एफपीओ स्कीम के तहत पूरे देश में दस हज़ार एफ़पीओ बनाए जाने का लक्ष्य रखा है, और इसके लिए विभिन्न सरकारी एवं ग़ैरसरकारी संगठनों द्वारा किसान उत्पादक संगठन का समवर्धन किया जा रहा है । जनपद में भी भारत सरकार के इस स्कीम के अंतर्गत सभी विकास खंड में एक एक एफ़पीओ बनाए गये हैं और जिसे राज्य एवं केंद्र के विभिन्न विभागों द्वारा सहयोग एवं मार्गदर्शन किया जा रहा है। दो दिन के अयोध्या दौरे पर आए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहायक निदेशक संजीव मिश्रा ने बताया था कि कृषि में सहकारिता से समृद्धि आएगी और किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान आत्मनिर्भर होंगे और उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आएगा। संजीव मिश्रा द्वारा जनपद के 4 विकास खंड- मवई, मिल्कीपुर, तारुन एवं मया बजार एफ़पीओ का निरीक्षण किया गया और एफ़पीओ के निदेशक मंडल एवं कार्यकर्ताओं को एफ़पीओ के कुशल प्रबंधन हेतु सुझाव दिया गया।
कौशल्या फ़ाउंडेशन द्वारा किसानों को जागरूक कर किसान उत्पादक संगठन बनाया गया है। इस फाउंडेशन द्वारा जनपद के 6 एफ़पीओ में कुल 1800 किसान जुड़े हैं। तारुन विकास खंड के एफ़पीओ को राज्य के कृषि विभाग के तरफ़ से फ़ार्म मशीनरी बैंक भी प्रदान किया गया है जिससे क्षेत्र के किसान काफ़ी लाभान्वित हो रहे हैं । फ़ाउंडेशन के मैंनेजिंग ट्रस्टी कौशलेंद्र ने बताया कि वित्तीय लाभ और तकनीकी सहायता के लिए योजना के तहत पात्र होने के लिए एफपीओ को कंपनी कानून, 2013 या राज्य सहकारी समिति कानून के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 300 किसान होना आवश्यक है। एफपीओ द्वारा किसानों के खेतों या फार्म गेट से ही उपज की बिक्री को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी। ग्रामीण युवाओं को रोज़गार के अधिक अवसर प्रदान करेगा एवं किसान एक विशाल संगठन के सदस्य होंगे। मार्केट लिंकेज हेतु भारत सरकार के ई-नाम पोर्टल से एफ़पीओ को जोड़ा जाएगा जो कि अच्छी गुणवत्ता पूर्ण साफ़ सुथरा उत्पाद हेतु किसानों को जागरूक करेंगी। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के अधिकारी सूरज ,कौशल्या फाउंडेशन के अविनाश सुशील मिश्रा सभी एफ़पीओ के अध्यक्ष एवं निदेशक एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

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