अयोध्या । भारत की आध्यात्मिक विरासत का उत्सव प्रयागराज का महाकुम्भ है ,यह महोत्सव सिर्फ धार्मिक समागम नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध विरासत का जीवंत प्रतीक है । यह दिव्य और भव्य आयोजन प्राचीन परंपराओं और आधुनिक आकांक्षाओं के सह-अस्तित्व को दर्शाता है, जो साधुओं , विद्वानों , भक्तों और पर्यटको को एक साथ लाता है ।
यह बात प्रयागराज में महाकुम्भ के धार्मिक आयोजन में देश के 13 अखाड़ों के साधुओं और नागाओं की गरिमामयी उपस्थिति में श्री विश्वामित्र तपोस्थली आश्रम दलपतपुर के यशस्वी महंत गोपाल दास महाराज को उत्तर प्रदेश के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ ने पट्टाभिषेक समारोह में महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित किया , तदोपरांत वो महामण्डलेश्वर बनने के आज पहली बार विश्वामित्र तपोस्थली दलपतपुर पहुंचे थे । उनका हवाई अड्डे से लेकर दलपतपुर के रास्ते में वरिष्ठ भाजपा नेता दान बहादुर सिंह , जगन्नाथ सिंह एवं संतोष सिंह के कुशल संयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ महाराज जी के वाहन का काफिला पहुंचने पर देवकाली , सरायरासी , राजेपुर , पूराबाजार , मड़ना , दुगवां,दतौली, देवगढ़ , बाकरगंज , जरही , मया बाजार , देवा सूर्यभानपुर एवं दलपतपुर में गाजे- बाजे के साथ पहुँचने पर जगह-जगह स्री, पुरुष और बच्चों ने पुष्प वर्षा कर गगन भेदी जयकारों के साथ भव्य स्वागत हुआ ।
विश्वामित्र आश्रम में आयोजित स्वागत समारोह में महामण्डलेश्वर बन कर पहुंचे महंत गोपाल दास महाराज अपने इस अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत हो कर सभी का दिल की गहराईयों से आभार व्यक्त किया |
वरिष्ठ भाजपा नेता दान बहादुर सिंह ने संचालन करते हुए कहा कि हिन्दू धर्म में शंकराचार्य के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद महामण्डलेश्वर का माना जाता है । हमारे महाराजजी इतनी बड़ी उपाधि ग्रहण करने के बाद भी पूर्व की भाँति सहज ,सरल और सुमधुर स्वभाव के पक्षधर हैं ।
अंत में जगन्नाथ सिंह , संतोष सिंह, कैलाश सिंह , गोपाल कुंज सिंह , राकेश सिंह , रविन्द्र सिंह राणा , शिव प्रताप सिंह , ब्रह्म देव उपाध्याय , विश्वकर्मा यादव , के पी सिंह , कृपा शंकर सिंह , राज नारायण सिंह , सुनील सिंह , विनय सिंह ,बन्टी सिंह , ओंकारेश्वर सिंह , पत्रकार बृजेश सिंह आदि ने पुष्प हार पहनाकर चरणवंदन किया | अंत में महा मण्डलेश्वर महंत गोपाल महाराज ने अपने हाथों से लोगों को प्रसाद वितरण किया ।