अयोध्या। वामदलों ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता तत्परता से खत्म करने को लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई बताते हुए इसके खिलाफ सोमवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार सदर को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि अडानी घोटाले में घिरी मोदी सरकार के दबाव में राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म की गई है। संसदीय परम्परा में पहली बार है जब सत्ता पक्ष ही संसद नहीं चलने दे रहा है। संसद में विपक्ष अडानी घोटाले की जेपीसी जांच की लगातार मांग उठा रहा है। अडानी को बचाने में लगी मोदी सरकार ने उल्टे राहुल गांधी की सदस्यता ही खत्म करवा दी। यह देश के लोकतंत्र का मजाक है।
वाम नेताओं ने कहा कि देश में बेलगाम आपातकाल चल रहा है। यह समय विपक्ष को एकजुट होकर भाजपा के फासीवाद के खिलाफ लडने और लोकतंत्र की रक्षा करने का है। ज्ञापन देने वालों में भाकपा जिला सचिव अशोक कुमार तिवारी, भाकपा (माले) जिला प्रभारी अतीक अहमद, माकपा जिला सचिव अशोक यादव, वरिष्ठ नेता सूर्यकांत पाण्डेय, संयुक्त किसान मोर्चा संयोजक मयाराम वर्मा, भाकियू नेता कमला प्रसाद बागी, राजेश वर्मा, आशीष कुमार, हरिशंकर तिवारी, अंकित पाण्डेय, मोहम्मद इरशाद आदि लोग शामिल रहे।
्