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छात्र संघ महामंत्री की बुनियाद से लोकसभा के सदस्य की बुलंदी तक पहुंचे लाल जी वर्मा

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◆ एक बार एमएलसी,छह बार विधायकी जीतने के साथ पत्नी शोभावती को बनवा चुके हैं जिला पंचायत अध्यक्ष


✍ दुर्गेश पाण्डेय/ सुभाष गुप्ता


अंबेडकर नगर। 1973 में छात्र संघ टांडा का महामंत्री चुनकर छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करने वाले कद्दावर नेता लाल जी वर्मा अब अंबेडकर नगर लोक सभा सीट से चुनाव जीत कर देश के सर्वोच्च सदन में अंबेडकर नगर की जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। नये परिसीमन के बाद कटेहरी से विधायक रहते हुए लालजी वर्मा ने अंबेडकर नगर सीट पर 137247 मतों के भारी अंतर से भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडे को हराकर पहली बार समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद किया। उनकी इस जीत में इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं की मेहनत तो अहम भूमिका में रही लेकिन उसके साथ कई बार टांडा विधानसभा से विधायक रहकर विभिन्न विभागों में मंत्री एवं बसपा संगठन को मजबूत करने का उनका अनुभव भी एक सार्थक पहलू साबित हुआ।

             भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता लालजी वर्मा का राजनीतिक कैरियर छात्र जीवन से शुरू हुआ।जिन्होंने 1973 में टांडा छात्र संघ से महामंत्री चुना गया। इसके बाद लालजी वर्मा 1977 -78 में इलाहाबाद कुल भास्कर आश्रम डिग्री कॉलेज के महासचिव भी बने। प्रदेश सरकार में कई बार मंत्री रह चुके लाल जी वर्मा  राष्ट्रीय लोकदल से राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए बार 7 जुलाई 1986 से 15 जनवरी 1991 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रहे। और पहली बार 1991 में जनता दल के टिकट पर टांडा से विधायक का चुनाव जीता।इसके बाद लालजी वर्मा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय होकर बसपा से लगातार 1996, 2002 ,2007 से टांडा के विधायक चुने गए। और बसपा संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए बसपा शासन काल में उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे। 2009 में हुए नये परिसीमन के बाद टांडा का कुछ क्षेत्र कटेहरी विधानसभा में जुड़ जाने के कारण उन्होंने कटेहरी का रूख किया। लेकिन 2012 के हुए विधानसभा के चुनाव में उन्हें सपा प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके लाल जी वर्मा ने हार नहीं मानी।जिसका नतीजा रहा कि 2017 के हुए चुनाव में बसपा के टिकट पर ही लालजी वर्मा ने कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने में सफलता हासिल की। इसके बाद 2019 के हुए लोकसभा के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से किनारा करते हुए उन्होंने सपा का दामन थाम लिया और 2022 के चुनाव में कटेहरी से चुनाव लड़कर पुनः विधायक बने। इससे पहले  लाल जी वर्मा अपनी पत्नी शोभावती वर्मा को अंबेडकर नगर का जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाकर राजनीति में एक कुशल राजनीतिक संचालक का भी परिचय दे चुके हैं। सपा ने भी इनके संगठनात्मक परिपक्वता को देखते हुए इन्हें समाजवादी का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर 2024 लोकसभा अंबेडकर नगर का अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिस पर खरा उतारते हुए लालजी वर्मा ने  इस सीट को सपा की झोली मे डाल सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्णय को सही साबित कर दिया।

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