जलालपुर अम्बेडकरनगर। हज़रत इमाम हुसैन व सहयोगी शहीदाने कर्बला के चेहल्लुम के अवसर पर नगर के जाफराबाद मोहल्ला स्थित छोटे इमामबाड़े में अंजुमन जाफरिया के तत्वावधान में अजादारो की मर्सिया ख्वानी के बीच गमगीन माहौल में हाय हुसैन की सदाएं गूंजी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मौलाना असगर एजाज कायमी ने हज़रत इमाम हुसैन की शहादत के बाद यजीदी फौज द्वारा कैदी बनाए गए हुसैनी कुन्बे की बेहाल दास्तां पर अपनी खिताबत को केंद्रित रखा। गहवारा अली असगर,दुलदुल व अलम बरामद किया गया। जुलूस में अंजुमन जुल्फिकारिया, हुसैनिया,अब्बासिया,काजिमया, अंजुमन रौनक अजा,अजाऐ हुसैन,सज्जादिया,अंजुमन सिपाह हुसैनी, समेत दर्जनों अंजुमनों ने पूरी रात्रि नौहा मातम कर कर्बला के शहीदों को खिराज अकीदत पेश किया। सुबह में रौजा बाबुल हवाएज से अमारियो बरामद हुई।जिसकी नकाबत मौलाना ज़ीशान हैदर निजामाबादी ने किया।वही हज़रत इमाम हुसैन की चार साल की बेटी हज़रत सकीना की याद में जिंदान-ए-शाम का दिलखराश मंजर पेश किया गया। जुलूस पुनः अंजुमन जाफरिया की जंजीर व कमा के मातम के साथ छोटे इमामबाड़े पर समाप्त हुआ। वहीं उस्मानपुर में अंजुमन हुसैनिया के बैनर तले कर्बला के शहीदों की याद में अंजुमनों ने नौहा मातम कर जुलूस निकला।बादिजपुर व नीमतल में चेहल्लुम का जुलूस निकाला गया। जहां अकीदतमंदों ने अश्कों का नजराना पेश कर कर्बला के 72 शहीदों को याद किया। जाफराबाद स्थित बड़े इमाम बारगाह से चेहल्लुम का जुलूस मौलाना जाफर रज़ा जौहरी की अलविदाई मजलिस के बाद निकला। नासिर अली व उनके हमनवां की घंटों चली मर्सिया ख्वानी के बाद जुलूस उस्मानपुर पहुंचा। वाराणसी,माहुल,कजपुरा, कटघरमूसा, रसूलपुर बाकरगंज, उफरौली, हुसैनपुर,भीखपुर , कटघरकमाल, मछली गांव से पैदल मार्च करते हुए सैकड़ों की संख्या में अकीदतमंद चिलवनिया स्थित कर्बला बड़ी दरगाह पहुंचे जहां माथा टेककर दुआएं मांगी।। जुलूस देर रात बड़ी दरगाह पहुंच कर समाप्त हुआ।जुलूस का नेतृत्व इब्ने अली जाफरी, अहसन रज़ा,वफा अब्बास, इनाम जाफरी, मोहम्मद अब्बास राजा मोहम्मद शारिब आदि कर रहे थे।जुलूस के साथ उपजिलाधिकारी सुनील कुमार,कोतवाल संत कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।