Home News जिलाधिकारी ने किया पौराणिक स्थलों के जीणोद्धार का निरीक्षण

जिलाधिकारी ने किया पौराणिक स्थलों के जीणोद्धार का निरीक्षण

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अयोध्या। प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में प्राचीन एवम् ऐतिहासिक वास्तुकलाओं को संजोने, संवारने एवं संरक्षित करने हेतु विभिन्न प्राचीन, ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों का जीणोद्धार करवाया जा रहा। जिलाधिकारी नीतिश कुमार ने मंगलवार को विभिन्न स्थलों निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के सहायक अभियंता को समस्त कार्यस्थलों पर मानव संसाधन की संख्या को और बढ़ाने, सभी स्थलों पर प्रत्येक कार्य हेतु कई टीमें लगाकर कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए।



जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न भवनों पर उकेरी गई बारीक वास्तुकलाओं एवम् कलाकृतियों को संरक्षित करने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। अच्छी फिनिशिंग सुनिश्चित की जाए तथा समस्त कार्यों को अपेक्षित समय में पूर्ण किया जाए।

उन्होनें बताया कि अयोध्या को एक विश्व स्तरीय आधुनिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के साथ ही अयोध्या व उसके आसपास विभिन्न पौराणिक एवं ऐतिहासिक कुण्डों, घाटों,  मठ-मंदिरों, आश्रमों एवं पर्यटन स्थलों का विकास एवं निर्माण किया जा रहा है।


इन 37 धार्मिक स्थलों का हो रहा है जीणोद्धार


जनपद के 37 धार्मिक स्थलों के फसाड ट्रीटमेंट एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास व निर्माण कार्य हेतु 68.80 करोड़ रूपये की लागत से उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा जानकी घाट, बड़ा स्थान, दशरथ भवन मंदिर, मंगल भवन, अक्षरी मंदिर, राम कचेहरी मंदिर, सियाराम किला, दिगम्बर अखाड़ा, तुलसी चौराहा मंदिर, भारत किला मंदिर, हनुमान मंदिर, कालेराम मंदिर, नेपाली मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, छोटी देवकाली मंदिर, मौर्य मंदिर, राम गुलेला मंदिर, करतलिया बाबा मंदिर, तिवारी मंदिर, वेद मंदिर, मणिराम दास छावनी मंदिर, बरेली मंदिर, रंग महल मंदिर, टेढ़ीयाती महादेव मंदिर, राम पुस्तकालय मंदिर, विद्या देवी मंदिर, देवीकाली कुण्ड मंदिर, रत्न सिंहासन मंदिर आदि पौराणिक मंदिरों/आश्रमों के बिल्डिंग एवं आर्ट संरक्षण कार्य के साथ ही पेंटिंग, लाइटिंग अरेस्ट्रो, फसाड ल्यूमिनेशन, टॉयलेट, क्लाक रूम, ड्रिंकिंग वाटर एण्ड शू रेक, स्ट्रीट लाइट, बेंचस, डस्टबिन, रेलिंग फुटपाथ, सीसीटीवी आदि कार्य करवाया जा रहा है।


ऐतिहासिक वास्तुकला को संजोते हुए किया जा रहा है कार्य


जिलाधिकारी ने बताया कि अयोध्या धाम के इन पौराणिक स्थलों के पुनरूद्धार का कार्य उनकी ऐतिहासिक वास्तुकला को संजोते हुए तत्कालीन समय में प्रयोग किये गये निर्माण सामाग्रियों यथा चूना सुर्खी आदि का प्रयोग करते हुए ही रेनोवेट किया जा रहा है। इसी के साथ ही इनके प्रवेश द्वारों पर चित्रकारी भी की जाएगी, आधुनिक फसाड लाइटिंग होगी। जीर्णोद्धार किये जा रहे समस्त पौराणिक स्थलों एवं आश्रमों में साइनेज भी लगाये जायेंगे, जिस पर उनके पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्वों एवम् मूल्यों को उकेरा जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्व में ही कई ऐतिहासिक एवं पौराणिक कुंडों यथा सूर्यकुण्ड, स्वर्णखनि कुण्ड, गणेश कुण्ड, हनुमान कुण्ड के संरक्षित करने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार चरणबद्ध तरीके से अयोध्या धाम के अन्य ऐतिहासिक महत्व के पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जायेगा।

         निरीक्षण के समय आश्विन कुमार पांडेय एम. डी. यूपीएसटीडीसी, ए.ई. यूपीएसटीडीसी, कंसल्टेंट कंजर्वेशन आर्किटेक्ट सहित कार्यदाई संस्था यूपीएसटीडीसी के संबंधित जूनियर इंजीनियर उपस्थित रहे।

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