अयोध्या के कथावाचक कृष्णकांत शास्त्री के मुखारविंद से हो रहा है श्रीमद् भागवत कथा
अम्बेडकर नगर । उमरी भवानीपुर सुतहर पारा में आयोजित श्री मद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य कृष्ण कांत शास्त्री ने सती चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि राजा दक्ष ने अभिमान के साथ यज्ञ किया तो शिव के गणों ने उसका वध कर दिया आगे ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु के वचन पर भरोसा करके भजन किया तो उसको भगवान 5 महीने के तप से प्राप्त हो गये प्रहलाद ने सर्व व्यापी समझकर तप किया तो भगवान भक्त की रक्षा हेतु खम्भे को तोड़ कर प्रगट हुए और पापी हिरण्यकश्यप का बंध किया तथा दुनिया को बताया कि मैं सर्वत्र हूं पर भक्त के बुलाने पर आता हूं इसलिए भक्ति परम आवश्यक है।