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कथित मौलाना या इंतजामिया कमेटी की कथित बैठक

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◆ आखिरकर इंतेजामिया कमेटी को बलात्कार के आरोपी मौलाना से पल्ला झाड़ने की आवश्यकता क्यों पड़ी


@ सुभाष गुप्ता


बसखारी अंबेडकर नगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में स्थित विश्व प्रसिद्ध मखदूम अशरफ के अस्ताने पर जियारत एवं रूहानी इलाज के लिए आई महिला के साथ मौलाना के द्वारा किए गए बलात्कार के मामले एवं आनन फानन में की गई इंतजामियां कमेटी की बैठक में मौलाना से पल्ला झाड़ने की कवायद के बाद क्षेत्र में मौलाना और कथित मौलाना एवं बैठक व कथित बैठक शब्द को लेकर एक नयी बहस का दौर शुरू हो गया है। साथ ही इस घटना के बाद इंतेजामिया कमेटी की गई कथित बैठक में मौलाना से पल्ला झाड़ने की कार्यशैली को लेकर इंतेजामिया कमेटी की कार्य प्रणाली को भी संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है।बताया जाता है कि मखदूम साहब के पवित्र अस्ताने पर रूहानी इलाज व झांड फूंक के लिए आने वाली कई युवतियों एवं महिलाओं के साथ छेड़छाड़,दुराचार,गायब होने सहित कई अपराधिक श्रेणी में आने वाली घटनाएं घट चुकी हैं। यहां तक की यहां पर आने वाले कई परिवार की बेटिया भी संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो चुकी है। रूहानी इलाज के लिए आने वाली कई लड़कियों के गायब होने को लेकर उनकी तस्करी की भी चर्चा दबी जुबान से लोग करते रहते हैं। लेकिन अभी तक ऐसे किसी भी मामले में इंतेजामिया कमेटी के द्वारा  किसी पीड़ित के साथ खड़े होकर कोई करवाई ही कराई गई और ना ही कोई बैठक कर दुख प्रकट किया। और फिर अचानक इस मामले में इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष के द्वारा क्षेत्र में ना रहने के बावजूद भी बकायदे फर्जी बैठक का नेतृत्व कर निंदा करना और मौलाना से पल्ला झड़ना कहीं ना कहीं आरोपी से इंतजामिया कमेटी के संबंधों की तरफ इशारा कर रहा है।‌वहीं दूसरी तरफ सूत्र बताते हैं कि मखदूम साहब के आस्ताने पर दुर दराज से आने वाले जयरीनों के साथ होने वाले मानसिक, शारीरिक, आर्थिक शोषण व व घटने वाली अपराधिक घटनाओं को लेकर पुलिस में शिकायत ना करने के पीछे जायरानों में डर एवं बदनामी का खौफ भर दिया जाता था। किसी ने यदि अपने साथ हुई घटनाओं को लेकर पुलिस में शिकायत भी की तो अस्ताने की रहनुमाई का दंभ भरने वाले मुठ्ठी भर कुछ लोग राजनीतिक पकड़ व पैसे का खेल खेलते हुए बसखारी पुलिस के हाथ बांध देते थे। जिससे शिकायत करने वाला पीड़ित परिवार दो चार बार थाने का चक्कर लगाकर  अपने गंतव्य को चले जाना ही मुनासिब समझता था। चर्चा तो यह भी है कि अगर किसी दूसरी पार्टी की सरकार होती तो यहां पर वर्चस्व स्थापित करने वाले लोग इस मामले को भी दबा देते। वहीं इस स्थान पर अक्सर ही घटने वाली ऐसी वारदातों के मामले में कोई कार्रवाई न होने पर एक मौलाना जो बलात्कार करने के आरोप के बाद कथित मौलाना हो गया, के द्वारा बीते 7 मार्च की देर सांय एक महिला के साथ रूहानी इलाज के नाम पर कमरे में बंद करके दुराचार जैसा कुकृत्य को अंजाम दिया गया।आरोपी मोहम्मद अशरफ उर्फ मौलाना शमशाद पुत्र इनाम अशरफ की गिरफ्तारी व जेल जाने के बाद मामला शांत हो चुका था।लेकिन इस मामले में बसखारी पुलिस के द्वारा लिए गए काबिले तारीफ एक्शन के बाद इंतजामिया कमेटी ने एक बैठक कर घटना की निंदा करते हुए आरोपी मौलाना के इंतेजामिया कमेटी से किसी भी प्रकार का संबंध न होने का वक्तव्य दे डाला। जबकि अजीज अशरफ क्षेत्र में थे ही नहीं। यदि हम मीडिया पर चली खबरो पर गौर फरमाए तो इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष अजीज अशरफ ने एक बैठक कर उक्त कृत की निंदा की है। जबकि वह मौके पर अपने पिता के इलाज के सिलसिले में बेंगलुरु गए हुए थे। वही इंतजामिया कमेटी और   आरोपी के बीच कोई संबंध था या नहीं इस प्रकरण की भी गंभीरता से जांच करने की भी आवश्यकता है। चर्चा यह भी है कि इस घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इंतेजामिया कमेटी अध्यक्ष एवं इंतेज़ामिया कमेटी से जुड़े कुछ लोगों के द्वारा इस प्रकार का एक कुचक्र रचा गया है। फिलहाल क्षेत्र में हो रही चर्चाओ पर गौर फरमाए तो जो कथित बैठक थी,वह बैठक बन गई। और जिसकी पहचान बलात्कार के पहले मौलाना के रूप मे थी वह बलात्कार के आरोप के बाद कथित मौलाना हो गया।

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