अयोध्या। मीडिया दिन प्रतिदिन बदल रहा है। तकनीक आधारित रिपोर्टिंग में तथ्य संकलन का स्वरूप भी बदल गया है। समाचार लेखन में शोधपरक रिपोर्टिंग की मांग बढ़ रही है। वर्तमान में समाचार-पत्रों ने भी डिजिटल संस्करण को अपना लिया है। वहीं इलेक्ट्रानिक मीडिया में भी खबरों के आकार को छोटा कर उसके स्वरूप को परिवर्तित कर अधिक से अधिक कवरेज पर फोकस कर रही है। उक्त बातें प्रो0 रत्नेश द्विवेदी, एक्सक्लूसिव कंट्री डायरेक्टर भारत ने अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में गुरूवार को समाचार संकलन एवं तकनीक विषय पर आनलाइन कार्यशाला में कही।
उन्होनें कहा कि मीडिया में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) का बढ़ता प्रयोग भी समाचार संकलन एवं रिपोर्टिंग पर गहरा प्रभाव छोड़ रही है। वर्ष 1991 में सिर्फ 04 चैनल से शुरूआत हुई थी। आज 04 हजार से अधिक न्यूज चैनल सक्रिय है। इसी तरह समाचार-पत्रों के संस्करणों का डिजिटल स्वरूप उभर रहा है। उन्होंने बताया कि इन्टरनेट एवं कम्प्यूटर आधारित समाचार संकलन की तकनीक ने निश्चित रूप से समाचार रिपोर्टिंग को फलीभूत किया है। आगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग मीडिया के स्वरूप को और सशक्त करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमसीजे समन्वयक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान पत्रकारिता की नई ताकत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनेगी। इसमें पत्रकारिता में काफी बड़े बदलाव लाने की क्षमता है। इससे व्यापक स्तर पर खबरों का प्रसार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल की शक्ति को आमजनमानस समझ रहा है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ आरएन पाण्डेय ने किया। इस अवसर तन्या सिंह, याशनी दीक्षित, प्रणीता राय, मनीषा ओझा, सौरभ मिश्र, श्रेया श्रीवास्तव, अनुश्री यादव, एकता वर्मा, कल्पना पाण्डेय, कामिनी चैरसिया, सुधांशु शुक्ल, वन्दनी सिंह, शैलेश यादव, दीपांशु यादव, राजदेव शुक्ल, उत्तम ओझा, सचिन देवा, अक्स पाण्डेय, अनुभव यादव, विशाल तिवारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।