अयोध्या। देवकाली चौकी क्षेत्र स्थित अयोध्या चिल्ड्रन हास्पिटल में नवजात की संदिग्ध मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए रविवार को अस्पताल के केएमसी वार्ड को सील कर दिया। वहीं, एसएनसीयू वार्ड में तीन नवजातों के भर्ती होने के कारण उसे फिलहाल सील नहीं किया गया।
नवजात की मौत के बावजूद वेंटिलेटर पर रखने और इलाज के नाम पर शुल्क वसूलने की शिकायत के बाद सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बनियान ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संदीप शुक्ला और डॉ. राममणि शुक्ला को शामिल किया गया है। जांच कमेटी ने अस्पताल संचालक, पीड़ित परिजन और मौत की जानकारी देने वाले चिकित्सक को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।
डॉ. संदीप शुक्ला ने बताया कि संबंधित चिकित्सक ने सीएमओ कार्यालय में अपना पक्ष रखने की जानकारी दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए।
क्याहैपूरामामला
बल्दीराय के जूरा पट्टी गांव निवासी गौरव मिश्रा के अनुसार, 9 मई की रात उनकी पत्नी ने नवजात को जन्म दिया। हालत बिगड़ने पर उसे देवकाली स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। 12 मई को वेंटिलेटर पर रखने की सूचना मिली, जिसके बाद उसने अपने बच्चे को दूसरे अस्पताल में दिखाया। दूसरी जगह दिखाने पर उस अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि बच्चे की मौत ढाई घंटे पहले हो चुकी थी।
अस्पतालकीसफाई
अस्पताल के डॉ. अंकुश शुक्ला ने कहा कि नवजात को परिजनों के कहने पर वेंटिलेटर पर डाला गया था। अस्पताल में वह जीवित था और इसका सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। मामले में पक्ष सीएमओ को सौंपा जा चुका है।
क्योंनहींसीलहुआएसएनसीयूवार्ड
जांच टीम के अनुसार एसएनसीयू वार्ड में तीन नवजात भर्ती हैं। उनकी देखभाल प्रभावित न हो, इसलिए फिलहाल केवल केएमसी वार्ड को ही सील किया गया है।