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प्लास्टिक पॉल्यूशन का समाधान विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का विश्वविद्यालय में हुआ आयोजन

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Ayodhya Samachar

अयोध्या। अवध विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन, प्लास्टिक पॉल्यूशन का समाधान’ विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। सोमवार को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के दिशा-निर्देशन में पृथ्वी एवं पर्यावरण संस्थान व एक्टिविटी क्लब तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण के संयुक्त संयोजन में बेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य वक्ता आईएफएस पूर्व निदेशक वन और जलवायु पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार के अजय के. लाल ने कहा कि देश में प्लास्टिक के कचरों का अंबार है। इसे रि-साइकिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक पर रोक लगाने का बेहतर तरीका है कि इस पर जुर्माना लगाई जाये। इससे काफी लोग जागरूक भी होंगे और प्लास्टिक का उपयोग भी कम करेंगे। वेबिनार में मुख्य वक्ता ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर नियंत्रण पाने लिए बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। शहर व गांव की पंचायतों को जोड़ते हुए युवाओं को जागरूक करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर नियंत्रण पा सकते है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी ही एक ऐसी जगह है जहां हम रह सकते है। इसके बचाये रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग हो इसके लिए सरकार को कार्ययोजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि सिक्किम व हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतः रोक लगाई गई है। इसकी अवहेलना करने पर जुर्मानें का प्रावधान है। इसी तरह सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए राज्यों के जिलों में जुर्माना या चालान को कड़ाई से पालन कराना होगा। ऐसा करने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा सकते है।
वेबिनार में यश पक्का लिमिटेड अयोध्या के वाइस चेयरमैन वेद कृष्णा ने कहा कि प्रकृति ने हम सभी को एक पैकेज दिया है। इसे बचाये रखना सभी की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए शिक्षावि़द्वों एवं शोद्यार्थियों को आगे आना होगा। इसके लिए धरती की सेवा करें और वेस्ट को वेल्थ में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से पशुओं को ज्यादा नुकसान पहुॅच रहा है। प्लास्टिक पशुओं के साथ मानव के लिए जहर है। उन्होंने बताया कि घर का कचरा अपने आस-पास फेक दिया जाता है। इससे अपने आस-पास पूरा पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। इस पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गन्ने की खोई, कागज के बैग, बायोप्लास्टिक थैले का ज्यादा-ज्यादा प्रयोग करें। इस तरह इंडस्ट्री को पैकेजिंग पर जोर देना होगा। ताकि पर्यावरण आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित हो सके। वेबिनार में पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो0 जसवंत सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करना होगा। पर्यावरण में प्लास्टिक की अधिकता से जानवरों के साथ मानव जीवन के लिए खतरा है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रभावी कदम उठाने होंगे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ कुलगीत की प्रस्तुति के साथ की गई। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो0 नीलम पाठक द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र ने किया। इस अवसर कुलसचिव उमानाथ, प्रो0 एसएस मिश्र, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ला, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 मुकेश वर्मा, डॉ0 अनूप श्रीवास्तव, इंजीनियर संजय चौहान, डॉ0 अनिल कुमार विश्वा, डॉ0 संजीव सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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