Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अम्बेडकर नगर पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दर्ज हुआ सामूहिक दुराचार का मुकदमा

पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दर्ज हुआ सामूहिक दुराचार का मुकदमा

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जलालपुर अम्बेडकर नगर। महिलाओं के मान सम्मान के लिए जहाँ सरकार कटिबद्ध है, वही मालीपुर पुलिस सरकार के मंशा पर पानी फेरने मे लगी है। ऐसा ही मामला मालीपुर क्षेत्र में देखने को मिला है। जहां घर की दीवार गिरा रहे प्रधान प्रतिनिधि व अन्य का विरोध करने गयी युवती के साथ सामूहिक दुराचार का मामला प्रकाश में आया है। लेकिन मालीपुर पुलिस ने कोई कार्यवाही नही किया जिससे आहत होकर पीडित ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत किया, तब पुलिस ने घटना के दस दिन बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश पर प्रधान प्रतिनिधि समेत चार लोगों के विरुद्ध सामूहिक दुराचार समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मालीपुर पुलिस के इस कृत्य की चर्चा चहुओर हो रही है। मालीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए कहा कि बीते आठ जनवरी को वह घर में खाना खा रहा था तभी उसकी पुत्री नल से पानी लेने गयी और देखा कि प्रधान प्रतिनिधि चंदशेखर यादव उर्फ चुनमुन,प्रीत यादव,अभिषेक यादव व अखिलेश यादव निवासीगण  मालीपुर डिहवा उस के घर की दीवाल गिरा रहे थे। जिस का पुत्री ने विरोध किया तो विपक्षी जबरदस्ती उस की पुत्री का मुंह दबा कर पंचायत भवन में खींच ले गये और उस के साथ गलत कार्य किया। शोर शराबा सुनकर जब वह पंचायत भवन की तरफ गया तो विपक्षी जान से मारने की धमकी देते हुए बाजार की तरफ भाग गये और कहा कि यदि किसी को बताया तो तुम्हारी पुत्री को गायब कर देंगे और जान से मार देंगे। पीड़ित ने बताया कि उस की पुत्री ने आप बीती बताते हुए कहा कि उक्त लोगों ने उस की इज्जत पर हाथ फेरते हुए शरीर के साथ अश्लील हरकत किया और वह रोने लगी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि मालीपुर पुलिस से शिकायत करने पर भी गंभीर मामलें को संज्ञान में नहीं लिया गया। आहत होकर पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जिसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के विरुद्ध सामूहिक दुराचार का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मालीपुर थानाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।


पुलिस का कारनामा बना चर्चा का विषय


इस मामले में पुलिस के रवैये को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है पुलिस इतने गंभीर मामले को क्यो दबाने मे जुटी रही जिससे पीड़ित को उच्चाधिकारियों का दरवाजा खटखटाना पडा। जबकि ऐसे मामले मे सरकार व प्रशासन बेहद गंभीर है।

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