अयोध्या। इसाले सवाब की मजलिस एवं शोक सभा का आयोजन इमामबाड़ा जवाहर अली खां में किया गया। जिसमें शिया सुन्नी दोनों समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की और जंग में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर ईरान में शिक्षा ग्रहण कर मुंबई से आए मौलाना जमीर अब्बास जाफरी ने कहा कि जिस तरह आज कुछ लोग कुछ मीडिया हसन नसरूल्ला और इस्माइल हानिया सहाब को आतंकवाद कह रही है यह सरासर गलत है क्योंकि जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने वालों को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता बल्कि मासूम बच्चों और मजलूमों पर जुल्म करने वाला आतंकवादी होता है और अपने देश के लिए और हक के लिए लड़ने वाला आतंकवादी नहीं होता। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने कभी भी इजराइल का समर्थन नहीं किया
इस मौके पर मुख्य रूप से अकबर अली मेजर आजम कादरी अली सईद एडवोकेट, कमर राईनी ज़िया गनी, मंजर मेहंदी, हसन इकबाल, आजम कादरी, मोहम्मद शादाब, गुलरेज़ आब्दी, साहब शाह, जाहिद वारसी, बाबा फारूक, अहमद फरीद, सलमानी, मौलाना शमीम हैदर शहर अदीब मौलाना हैदर अब्बास, मौलाना जाफर रजा, आब्दी मौलाना, ज़फर अब्बास, कुम्मी मौलाना कमर मेहंदी सहित बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी रही।