नई दिल्ली। भगोड़ा हीरा व्यवसायी नीरव मोदी जल्द भारत लाया जा सकता है। लंदन हाईकोर्ट ने उसकी पिटीशन खरिज कर दी। इससे पहले मई 2020 में लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई हुई थी। जिसमें फरवरी 2021 में कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यपर्ण को मंजूरी दे दिया था।
क्या विकल्प बचे है नीरव मोदी के पास –
वर्तमान में नीरव मोदी के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है। उसे यह अपील हाईकोर्ट का फैसला आने के 14 दिनों के भीतर करनी होगी। परन्तु यहां सुप्रीम कोर्ट में अपील तभी की जा सकती है। जब हाईकोर्ट यह कह दे की मौजूदा केस आम लेगो के लिए अहम है। अगर सुप्रीम कोर्ट से नीरव मोदी को राहत नहीं मिलती है तो वह यूरोपियन कोर्ट आफ ह्यूमन राईट्स के रुल 39 की मद्द ले सकता है। इस नियम के तहत कोर्ट कुछ अंतरिम उपाय करता है। परन्तु यह नियम तभी लागू होता है जब व्यक्ति को जान का खतरा हो अथवा अमानवीय बर्ताव किये जाने की आशंका हो।
नीरव मोदी कह रहा है कि भारत में जेलों की हालत खराब –
पीएनबी में 14 हजार करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोपी नीरव मोदी भारत आने के बचने के लिए लगातार बहाने कर रहा है। उसने अपनी पिटीशन में कहा था कि भारत में जेलों की हालत बहुत खराब है। जहां उसे जान का खतरा हो सकता है। परन्तु भारतीय एजेन्सियों का कहना है कि नीरव सिर्फ बचने का रास्ता खोज रहा है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।
पीएनबी में 14 हजार की धोखाधड़ी का आरोपी है नीरव मोदी –
नीरव पीएनबी में 14 हजार करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है। 2019 में मुम्बई की अदालत ने उसे भगौड़ा घोषित किया था। इससे पहले 1 जनवरी 2018 को नीरव भारत से भाग गया। 29 जनवरी 2018 को पंजाब नेशनल बैंक में उसके घोटाले का मामला सामने आया। 5 फरवरी 2048 को सीबीआई ने नीरव व उसके भाई विशाल तथा मामा राहुल चौकसी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया। 29 जून 2018 को इंटरपोल ने नीरव के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी की। अगस्त 2018 में सीबीआई ने ब्रिटेन की कोर्ट में नीरव के प्रत्यपर्ण के लिए अपील की। 19 मार्च 2019 को ब्रिटेन की पुलिस ने नीरव मोदी को गिरफ्तार किया। मई 2020 में वेस्टमिंटस्टर कोर्ट में सुनवाई प्रारम्भ हुई। जिसमें कोर्ट ने प्रत्यपर्ण को मंजूरी दे दी।