◆ अपर जिला जज/विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने किया कारागार का निरीक्षण
◆ जमानत होने के बाद रिहा न होने वाले बंदियों की सूची तैयार करने का निर्देश
अयोध्या। जिला कारागार का निरीक्षण शनिवार को अपर जिला जज/सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण शैलेन्द्र सिंह यादव ने किया। कारागार में 1121 बन्दी एवं 58 महिला बन्दी एवं 07 बच्चे भी महिला बन्दियों के साथ संवासित है। निरीक्षण के दौरान जब भोजन के बारें में बंदियों से पूछा गया तो बताया गया कि प्रातः कालीन नाश्ते में चना, गुड़, चाय एवं भोजन में रोटी, आलू गरम साग दिया गया। सायंकाल हेतु भोजन तैयार किया जा रहा है।
शिविर के दौरान अपर जिला जज/सचिव शैलेन्द्र सिंह यादव ने अधीक्षक जिला कारागार अयोध्या को निर्देशित किया गया कि बन्दियों के बौद्धिक विकास हेतु उनको मोटिवेट किया जाय। जिससे सभी बन्दी मानसिक तौर पर विकसित होकर देश विकास के मुख्य धारा में अपना योगदान प्रदान करें। ऐसे बन्दी जिनकी न्यायालय द्वारा जमानत हो चुकी है किन्तु जिला कारागार से रिहा नही हो पाये है, उनकी रिहाई के लिए अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। जिससे लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के माध्यम से, थाने के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक एवं सम्पत्तियों की जाँच कर उनको जेल से रिहाई के लिए आवश्यक कार्यवाही किया जा सके।
बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान की गयी एवं उनके अधिकारों के बारे अवगत कराया गया। पैरवी के लिए अधिवक्ता है या नही। इसकी विशेष जानकारी ली गयी, बताया गया कि जेल में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की गयी है जिससे किसी बन्दी को कोई समस्या हो तो वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। बन्दी सरोज, जयनाथ वर्मा, नागेन्द्र वर्मा, अरविंद गौड़, देवीसरन नें सरकारी अधिवक्ता की मांग की। इस संबंध में अधीक्षक जिला कारागार अयोध्या को निर्देशित किया गया इनके प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फैजाबाद में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें जिससे बन्दियों को लीगल एड के माध्यम से उनके मुकदमें की पैरवी हेतु सरकारी अधिवक्ता नामित किया जा सके।