अयोध्या। नगर कोतवाली देवकाली चौकी क्षेत्र स्थित एक निजी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों का कहना है कि नवजात की मृत्यु होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने वेंटिलेटर पर रखा व रुपये वसूले। अस्पताल के डॉक्टर ने इन आरोपों को खारिज किया है।
ग्राम जूरा पट्टी, कूड़ेभार सुल्तानपुर निवासी गौरव मिश्रा ने बताया कि 9 मई की रात उनकी पत्नी ने एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। जन्म के एक घंटे बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे देवकाली क्षेत्र स्थित अयोध्या चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। परिजनों के अनुसार, नवजात को इलाज के नाम पर दो लाख रुपये लिए गये।
गौरव मिश्रा का आरोप है कि 12 मई की सुबह अस्पताल से फोन आया कि बच्चे की हालत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। जब उन्होंने बच्चे को अन्य डॉक्टर को दिखाने की बात कही, तो अस्पताल प्रशासन ने वेंटिलेटर पर रखने का शुल्क के जमा कराया। परिजन जब बच्चा लेकर दूसरे अस्पताल पहुंचे तो वहां बताया गया कि बच्चे की मौत करीब ढाई घंटे पहले हो चुकी थी।
अस्पताल के डॉ. अंकुश शुक्ला ने आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि बच्चा समयपूर्व जन्मा था और उसे जन्म से ही सांस लेने में दिक्कत थी। 12 मई को उसकी हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर पर रखा गया, जिसकी जानकारी परिजनों को दी गई। डॉ. शुक्ला का दावा है कि उनके पास अस्पताल से ले जाते समय नवजात के जीवित होने के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं। कोतवाली नगर प्रभारी अश्विनी पाण्डेय ने बताया कि मामले में पोस्टमार्टम कराने की मांग की गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं हुई है