बसखारी अंबेडकर नगर। कुंभ यात्रियों से भरी बस के चालक के अपहरण के मामले में बसखारी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चालक की सकुशलपूर्वक वापसी के साथ अपहरण कर्ताओं में शामिल एक महिला समेत दो युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं घटना में प्रयुक्त फॉर्च्यूनर वाहन को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। गुरुवार की शाम लगभग छः बजे के करीब कुंभ यात्रियों से भरी बस के चालक का फॉर्च्यूनर सवार कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था। अपहरण की खबर पाकर क्षेत्राधिकारी समेत बसखारी पुलिस सक्रिय हो गई। और बस चालक के मोबाइल पर बात कर उसकी लोकेशन ट्रेस की और रामनगर से चालक कुशल पूर्वक बरामदगी सहित सीता देवी पत्नी राजित राम, प्रभांशु कृष्ण पुत्रराजित राम निवासी नसीरपुर पीपरपुर थाना आलापुर व मोहम्मद इमरान पुत्र चिराग अली निवासी शिवतारा थाना आलापुर को अपहरण में प्रयुक्त वाहन समेत गिरफ्तार कर थाने ले आई। मामले में चालक मुकेश तिवारी पुत्र श्री परमानंद तिवारी ग्राम बदौली नावाडीह थाना राजपुर जिला चतरा झारखंड का अपहरण कर 60 हजार की फिरौती मांगने के संबंध में बसखारी पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर शुक्रवार को आरोपियों को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वही चर्चा है कि बस व फॉर्च्यूनर में हल्की सी टक्कर हो गई थी। जिस कारण फॉर्च्यूनर सवाल लोगों ने घटना को अंजाम दिया था।
मुख्य चौराहे पर अपहरण की हुई घटना से पुलिस की कार्यशैली पर भी खड़े हो रहे हैं सवाल
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बसखारी चौराहे पर जहां से बस चालक का अपहरण किया गया उस स्थान पर हमेशा उप निरीक्षक व पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहती है। और कभी-कभी थाना प्रभारी निरीक्षक भी कानून व्यवस्था को मुकम्मल करने के लिए चौराहे पर गाड़ी खड़ी कर देखे जाते हैं। लेकिन लगभग 60 सवारी से भरी बस के चालक का सारे शाम फॉर्च्यूनर वाहन से आए लोग जिसमें एक महिला भी शामिल बताई जा रही है, ने बीच बाजार पुलिस के सामने अपहरण कर लिया और आसानी से फरार हो गए। इस प्रकरण में त्वरित तेज़ी दिखाने वाली बसखारी पुलिस की कार्य शैली पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। घटना के समय चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी कहां थे। अगर वह मौके पर थे तो फॉर्च्यूनर सवार आरोपी जब बस को रोक कर ड्राइवर को गाड़ी में बैठा रहे थे तो उस समय उनकी क्या भूमिका थी? अगर घटना के समय बसखारी चौराहे पर कोई पुलिसकर्मी नहीं था। तो यह थाना प्रभारी निरीक्षक की लापरवाही को उजागर करता है। जबकि पुलिस के द्वारा थाना क्षेत्र के विभिन्न बाजारो व चौराहों पर पुलिस की तैनाती का हमेशा दावा किया जाता है।इतनी बड़ी वारदात के बाद ऐसे में पुलिस के ऊपर भी कोई कार्रवाई न करना पुलिस की कर शैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
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