Home Ayodhya/Ambedkar Nagar अयोध्या मैच के टशन का है मनोरसायनिक कनेक्शन

मैच के टशन का है मनोरसायनिक कनेक्शन

0
डा आलोक मनदर्शन

◆ जीत का अहसास है ब्रेन का रिवॉर्ड


अयोध्या। जिला चिकित्सालय के मनोपरामर्श दाता डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि किसी भी मैच में पल पल के उतार चढ़ाव से दर्शकों का मन विरोधाभाषी विचारों व मनोंभावों के बीच इस प्रकार झूलने लगता है जैसे घड़ी का पेन्डुलम। द्वन्द भरी मानसिक रस्साकशी में दर्शकों के मूड मे भी उतार चढाव होता है जिससे उत्तेजना व तनाव उत्पन्न करने वाले मनोरसायन एड्रेनिल व कार्टिसाल का स्राव भी घटता बढ़ता रहता है जिससे मैच में रोमांचक अहसास पैदा होता है। परन्तु जीत के करीब आते ही दर्शकों के ब्रेन के रिवॉर्ड सिस्टम में डोपामिन नामक रसायन बढ़ने लगता है । इस प्रकार न केवल खिलाड़ी बल्कि दर्शक भी जीत के मेन्टल रिवार्ड या मनोपुरस्कार का आनंद महसूस करने लगते हैँ। इस मनःस्थिति को मैच-इंड्यूस्ड अफेक्ट या मैच-प्रेरित मनोदशा कहा जाता है।

उन्होंने बताया कि आवेशित व उत्तेजित मनोदशा में डोपामिन एवं इन्डार्फिन मनोरसायनों का श्राव बढ़ जाता है जो जीत के सेलिब्रेशन व खुशी को एक दूसरे से बाटने के लिये प्रेरित करता है जिससे ऑक्सीटोसिन नामक मनो रसायन का श्राव बढ़ता है जो कि खुशी के मनोभाव का अभिव्यक्तिकरण होता है जिसकी बानगी सोशल मीडिया,कार्यस्थल व सार्वजनिक परिचर्चाओं के रूप मे दिखती है और माहौल में खुशमिजाजी का संचार करती है। इस प्रकार जीत का एहसास मन के हैप्पी हार्मोंन मे बढ़ोत्तरी व स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसाल व एड्रेनिल को उदासीन कर मूड को अच्छा करते है। मूड स्टेबलाइज़र हार्मोन सेराटोनिन का लेवल जीत के अहसास से कई दिनों व हफ्तों तक हाई रहता है जिससे मानसिक फील गुड की डोज़ लम्बे समय तक जीवंत रहती है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version