बसखारी अंबेडकरनगर। चैत नवरात्रि की नवमी तिथि शक्ति रूपेण माता दुर्गा के नौ रूपों में सिद्धिदात्री माता की पूजा आराधना के साथ प्रभु श्रीराम के जन्म उत्सव के रूप में मनाये जाने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जो इस बार 30 मार्च गुरुवार को है। चैत्र नवरात्रि के समापन एवं श्री राम जन्म उत्सव को भव्य रूप से मनाने के लिए भक्त तैयारियों में जुट गए हैं। कहीं-कहीं श्री राम जन्म उत्सव के दिन 30 मार्च को ही पूजा अर्चना के साथ भव्य शोभायात्रा निकाल कर इस पर्व को बनाने की तैयारी है।
तो कहीं-कहीं 31 मार्च को शोभायात्रा निकालकर आस्था और शक्ति के इस महापर्व को मनाया जाएगा।नवरात्रि की नवमी तिथि को श्रीराम जन्म उत्सव का पर्व भारत में विभिन्न प्रकार के धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम के साथ मनाये जाने की प्रथा कई हजार बरसों से चली आ रही है। लेकिन वर्तमान समय में यह महापर्व भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो चुका है। यह महापर्व नेपाल, श्रीलंका, फिजी, मारीशस जैसे हिंदुओं की आबादी वाले दुनिया के कई देशों में भी भव्य तरीके से विभिन्न धार्मिक आयोजन कर मनाया जाता है। रामनवमी पर्व को मनाने का इतिहास हजारों साल पहले का है। जिसका वर्णन पौराणिक हिंदू कथाओं किया गया है। और इन पौराणिक हिंदू कथाओं का अध्ययन करने पर श्री राम की महिमा का ज्ञान प्राप्त होता है। पौराणिक हिंदू कथाओं के अनुसार धरती पर बढ़े पाप, अत्याचार एवं असुरों के आतंक के साम्राज्य को समाप्त करने के लिए चैत शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान विष्णु ने प्रभु श्रीराम के रूप में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर जन्म लिया था। भगवान विष्णु का यह सातवां अवतार बताया जाता गया है।जो असुरी साम्राज्य को समाप्त करने के साथ धार्मिक, सच्चाई, करूणा के रूप में पूजनीय है। हजारों वर्षों से चली आ रही रामनवमी पर्व मनाने की परंपरा दिन प्रतिदिन भव्य होती जा रही है। माता दुर्गा की शक्ति व श्री राम की भक्ति के साथ इस पर्व को मनाने के लिए सुंदरकांड, अखंड रामायण पाठ के साथ मंदिरों में पूजा अर्चना व श्री राम की भव्य आरती करते हुए विशाल शोभायात्रा भी भक्तों के द्वारा निकाली जाती है। रामनवमी उत्सव पर्व लोगों को एक साथ आने और भगवान राम के धरती पर अवतरण दिवस के रूप में मनाने का एक अवसर है।जो मनुष्य को धर्म मार्ग पर चलने के साथ अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध लड़ना भी सिखाती है।