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स्वाभिमान यात्रा से जनपद में बढ़ा संतोष गुप्ता का कद, सक्रिय राजनीति में उतरने की अटकलें तेज

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अंबेडकर नगर। बीते दो वर्षों से गांधी जयंती पर स्वाभिमान यात्रा और वैश्य समागम के जरिए बिखरे वैश्य समाज को एक मंच पर लाकर अपनी नेतृत्व क्षमता से राजनीतिक दलों में हलचल पैदा करने वाले व्यवसायी संतोष गुप्ता के आगामी कदम को लेकर अब तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। यद्यपि संतोष गुप्ता ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज करते हुए किसी भी प्रकार के कमेंट से इनकार कर दिया है। फिर भी सियासत के जानकार मानते हैं कि वे कभी भी सक्रिय राजनीति में उतर कर लोगों को चौंका सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके साथ वर्तमान में वैश्य समाज की एक अच्छी खासी संख्या है। जो परिवर्तन का साक्षी बन सकती है।

    उल्लेखनीय है कि जलालपुर विधानसभा क्षेत्र के रफीगंज बाजार निवासी प्रतिष्ठित व्यवसायी संतोष कुमार गुप्ता के व्यावहारिक पक्ष के साथ-साथ उनका आर्थिक पक्ष भी काफी मजबूत है। साथ ही वैश्य समाज में अच्छी खासी पकड़ के साथ अन्य समाज में भी लोकप्रियता हासिल है। संभवत यही कारण है कि उनके एक आह्वान पर दलीय निष्ठा त्याग कर लोग बड़ी संख्या में उनके साथ खड़े रहते हैं। इसी के साथ सन्तोष गुप्ता अंबेडकरनगर जिले में वैश्य समाज के सर्वमान्य व्यक्तित्व के रूप में भी उभरे हैं।

      बात यह भी ध्यान देने की है कि बिना किसी पद और पार्टी के अपने कार्यक्रमों में उम्मीद से अधिक भीड़ जुटा कर आम लोगों को नई चर्चा के लिए और तमाम राजनीतिक दलों को आत्म मंथन के लिए उन्होंने विवश कर दिया है। अब विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग उनके नेतृत्व क्षमता के आकलन में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि सभी राजनीतिक दल आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश में लग गए हैं। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि कई राजनीतिक दल उनके लिए अच्छे पद और प्रतिष्ठा का ऑफर भी कर चुके हैं।

    दूसरी तरफ संतोष की मजबूती का एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि राजेसुल्तानपुर से लेकर यादव नगर और चनहा चौराहे तक तथा रामगढ़ से लेकर हंसवर तक फैले जनपद में वैश्य समाज की अच्छी खासी आबादी रहती है। जिसकी एक जुटता कोई भी परिवर्तन ला सकती है। बस यही बात सभी राजनीतिक दलों को कचोट रही है। जिसके लिए संतोष गुप्ता को अपने पक्ष में करने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा हर कोशिश जारी है। वैसे वैश्य समाज आमतौर पर भाजपा का आधार मतदाता माना जाता है। शायद इसीलिए उन्हे अपने पाले में करने के लिए गैर भाजपाई दलों द्वारा संतोष गुप्ता को रिझाने की कोशिश शुरू कर दी गई है।

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