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युवा व ब्राह्मण चेहरे के रूप में पूर्वांचल में भाजपा को फायदा पहुंचा सकते हैं रितेश पांडे

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◆ अंबेडकर नगर से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने से समर्थकों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं में हर्ष


अंबेडकर नगर। बीते 25 फरवरी को अंबेडकर नगर के सांसद रितेश पाण्डेय के द्वारा भारतीय जनता पार्टी का दामन थमते ही उनके भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के कायस शुरू हो गए थे, जिस पर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जारी 195 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची में अंबेडकर नगर से रितेश पाण्डेय का नाम घोषित होते ही इस कयास पर विराम लग गया। पूर्वांचल में सांसद रितेश पांडे की युवा व ब्राह्मण चेहरे के रूप में एक अलग पहचान है। अम्बेडकर नगर से भाजपा ने उन्हें अपनी लोकसभा प्रत्याशी बनाकर पूर्वांचल में युवाओं व ब्राह्मणो को अपने पक्ष में लामबंद करने की जिम्मेदारी भी रितेश पाण्डेय को सौंप सकती है। पिछले 2019 के लोकसभा के चुनाव में रितेश पाण्डेय ने योगी सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहारी वर्मा को हराकर अंबेडकर नगर से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर युवा सांसद के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। बसपा ने इन्हें लोकसभा संसदीय दल का नेता बनाकर ब्राह्मण चेहरे‌ के रूप में पेश कर पूर्वांचल में ब्राह्मणों और युवाओ को अपने पक्ष में लामबंद करने का प्रयास किया था। हालांकि बसपा की बैठकों व नीतिगत निर्णय में बसपा सांसद रितेश पांडे को नजर अंदाज करना बसपा पर भारी पड़ गया।और जिसका नतीजा रहा कि बसपा सांसद रितेश पांडे ने गणेश जी की सवारी हाथी को छोड़कर लक्ष्मी जी की सवारी कमल पर सवार होना मुनासिब समझा।यूरोपीय स्कूल लंदन से अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले रितेश पाण्डेय को राजनीति विरासत में मिली है। इनके पिता राकेश पांडे 2002 में सपा के टिकट पर जलालपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2009 के लोकसभा के चुनाव मे राकेश पाण्डेय बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जलालपुर विधानसभा से अपने पुत्र रीतेश पाण्डेय को चुनाव लड़वाया।हांलकि रितेश पाण्डेय इस चुनाव में शेर बहादुर से चुनाव हार गए।थे।लेकिन 2017 के हुए विधानसभा चुनाव में रितेश पाण्डेय ने शानदार वापसी की और बसपा के ही टिकट पर जलालपुर विधानसभा सीट से विधायक बने। यहीं से रितेश पांडे की लोकप्रियता बढ़ानी शुरू हो गई और 2019 के चुनाव में विधायक रहते हुए उन्होंने सपा बसपा गठबंधन के दौरान बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और योगी सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहारी वर्मा को हराकर एक युवा संसद के रूप में अपनी पहचान बनाई। बजट सत्र के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंच करने वाले 9 सांसदों में रितेश पाण्डेय के शामिल होने के बाद से ही रितेश पाण्डेय के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और अंबेडकर नगर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के शुरू कयास लगना शुरु गए थे। जिस पर शनिवार को देर शाम आई भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा प्रत्याशियों की सूची में अंबेडकर नगर से रितेश पांडे के नाम की घोषणा होते ही मोहर भी लग गयी। रितेश पांडे को अम्बेडकर से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने से भाजपा के लिए अंबेडकर नगर की मुश्किल सीट पर जीत आसान हो सकती है।

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