जलालपुर अंबेडकर नगर। सरकारी जमीन को आबादी लिखकर बेचने का मामला प्रकाश मे आया है। महिला ने सरकारी जमीन को आबादी की जमीन बताते हुए लाखो रुपए में बेंच दिया।जब क्रेता ने सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया तो गांव वासियों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई तो जांच में इसका खुलासा हुआ। इधर राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन खाली करने का तहसीलदार न्यायालय में मुकदमा दर्ज करा कर पल्ला झाड़ लिया जबकि क्रेता फर्जी जमीन पर कब्जा शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता शैलेंद्र कुमार मुख्यमंत्री पोर्टल, संपूर्ण समाधान और थाना समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराता रहा। राजस्व विभाग अवैध कब्जा की रिपोर्ट लगाने तक सीमित रहा। प्रकरण मालीपुर थानाक्षेत्र के ताहापुर ग्राम पंचायत में गाटा संख्या 411 बंजर खाता में दर्ज है। इसी जमीन को गांव निवासिनी सिंगारी देवी ने 17 दिसंबर 2022 को प्रेमा देवी को पांच लाख 50 हजार रुपए में सौ रुपए स्टांप पर इकरारनामा लिख बेंच दिया। कागजात में जो चौहद्दी लिखी गई है वह इसी बंजर खाता की है। बीते जुलाई माह में प्रेमा देवी के परिवार ने इस पर निर्माण कार्य शुरू किया तो गांव निवासी शैलेन्द्र कुमार ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। लेखपाल की जांच में एग्रीमेंट शुदा जमीन बंजर खाता की मिली। लेखपाल ने विपक्षी को कब्जा दखल से रोकते हुए इस पर पूर्व में निर्मित स्थाई और अस्थाई निर्माण को हटाने के लिए तहसीलदार अदालत में वाद दायर कर दिया।इस दौरान विपक्षी ने हैंडपंप कई फीट बाउंड्रीवाल समेत अन्य निर्माण कर लिया। इस मामले मे क्रेता और विक्रेता पर कोई कार्यवाही नही की गयी।
लेखपाल की जांच के बाद सरकारी जमीन की बिक्री और खरीदारी की जानकारी तहसील प्रशासन को हो गई थी। सरकारी जमीन को जालसाजी कर बेचे जाने का मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन उपजिलाधिकारी और तहसीलदार ने क्रेता और विक्रेता के विरुद्ध जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराने के बजाय मालीपुर पुलिस को अवैध कब्जा रोकने का जिम्मा सौप दिया।
ग्राम प्रधान रवि कुमार ने बताया कि मेरे मौजूदगी मे इस जमीन की पैमाईश की गई। जालसाजी कर बेंची गई जमीन बंजर खाता में दर्ज जमीन निकली। पैमाईश के दौरान ज्यादा कब्जा नहीं था किंतु धीरे धीरे इस पर अधिक अवैध कब्जा कर लिया गया। उपजिलाधिकारी सदानंद सरोज ने कहा कि ताहापुर ग्राम पंचायत स्थित बंजर खाता 411 पर अवैध कब्जा की जानकारी है।इस जमीन एक ने दूसरे को बेंच दी है । हल्का लेखपाल को विस्तृत रिपोर्ट तीन दिन में देने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट के बाद उचित कार्यवाही की जायेगी।